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मध्य प्रदेश के रायसेन के जिस किले में शिवजी ताले में वह राजा पूरणमल का था, अफगानी मुगल शासक शेरशाह सूरी ने किया था विश्वासघात

मध्य प्रदेश के रायसेन किले में जिस मंदिर में भगवान शिव ताले में बंद हैं, वह राजा पूरणमल का था। देश के अन्य हिंदू राजाओं की तरह उन्हें मुगल शासकों ने धोखे और विश्वासघात के साथ मारा था।

Ravindra Kailasiya लाइव हिंदुस्तान, भोपालThu, 7 April 2022 01:34 PM
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मध्य प्रदेश के रायसेन किले में जिस मंदिर में भगवान शिव ताले में बंद हैं, वह राजा पूरणमल का था। देश के अन्य हिंदू राजाओं की तरह उन्हें मुगल शासकों ने धोखे और विश्वासघात के साथ मारा था। राजा पूरणमल को अफगानी शासक शेरशाह सूरी ने विश्वासघात कर मार डाला था।

रायसेन इन दिनों प्रदीप मिश्रा सीहोर वाले द्वारा किले के भीतर बने शिव मंदिर में कैद शिवजी का ताला खुलवाने के कारण चर्चा में आया है। मगर यह रायसेन किसी समय राजा पूरणमल का राज्य था लेकिन अफगान से आए मुगल शासक शेरशाह सूरी ने यहां लूटपाट और तबाही मचाई थी। राजा के साथ विश्वासघात भी किया था। न केवल राजा को मार डाला था बल्कि उनके बेटे को भी मार डाला था और बच्ची को वैश्यालय में भेज दिया था। 

यह है पूरणमल से विश्वासघात की कहानी 
उमा भारती ने ट्वीट के माध्यम से रायसेन के राजा पूरणमल के साथ शेरशाह सूरी द्वारा किए गए विश्वासघात की कहानी भी बताई। उन्होंने एक इतिहासकार अब्राहम एरले की पुस्तक में रायसेन के राजा पूरणमल के किले को शेरशाह सूरी द्वारा चारों तरफ से घेर लिए जाने के बाद हुई संधि के बारे में बताया। फिर राजा पूरणमल के परिवार व सहायकों को टेंट में अफगान सैनिकों ने घेर लिया और राजा पूरणमल को मार डाला था। राजा पूरणमल बहादुरी से लड़े और मरने से पहले पत्नी रत्नावली के अनुरोध पर उनकी गर्दन काट दी जिससे वह वहशियों के शिकंजे में नहीं आए। अफगानी सैनिकों ने उनके मासूम बेटे और अबोध कन्या को टेंट से खींचकर निकाला। बेटे को वहीं मार डाला व कन्या को वैश्यालय में सौंप दिया था। उन्होंने कहा कि ऐसे रायसेन किले से जुड़े प्रसंग की याद से वे दुखी और शर्मिंदा होती थीं।

उपचुनाव में भी किले को देखकर कष्ट हुआ था

डॉ. प्रभूराम चौधरी के उपचुनाव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि इस किले को देखकर उन्हें कष्ट होता है लेकिन भाजपा का झंडा इसके सामने देखकर कुछ शांति होती है। मगर राजा पूरणमल के साथ हुई घटना, शेरशाह सूरी की नीचता, विश्वासघात व वहशीपन तो पता थी लेकिन प्राचीन किले में सिद्ध शिवलिंग होने की जानकारी नहीं थी। वे बता रही हैं कि 11 अप्रैल को वे शिव मंदिर में गंगाजल से अभिषेक कर राजा पूरणमल, उनकी पत्नी रत्नावली, उनके मार डाले गए दोनों मासूम बेटे एवं वहशी दुर्दशा की शिकार होकर मर गई अबोध कन्या एवं उन सब के साथ मारे गए राजा पूरणमल के सैनिक सबका तर्पण करेंगी। उनसे अपनी अज्ञानता के लिए क्षमा मांगेंगी।

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