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अंग्रेजी में पढ़ाई का प्रेशर नहीं हुआ बर्दाश्त, भोपाल में फर्स्ट ईयर MBBS स्टूटेंड ने किया सुसाइड

मध्य प्रदेश के भोपाल में फर्स्ट ईयर एमबीबीएस स्टूडेंट ने हॉस्टल के कमरे में सुसाइड कर लिया। वह अंग्रेजी में पढ़ाई का प्रेशर बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी। उसके पिता ने कहा है कि उन्हें किसी पर शक नहीं है

Sneha Baluni लाइव हिन्दुस्तान, भोपालWed, 24 April 2024 04:19 AM
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मध्य प्रदेश के भोपाल में एक निजी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस फर्स्ट ईयर की छात्रा ने सोमवार सुबह अपने हॉस्टल में आत्महत्या कर ली। पुलिस को उसके पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाले उसके पिता ने कहा है कि उन्हें किसी पर शक नहीं है। हालांकि, उन्होंने कहा कि उनकी बेटी परेशान थी क्योंकि उसे अंग्रेजी में मेडिकल की पढ़ाई जारी रखने में दिक्कत हो रही थी और उसके एग्जाम में भी अच्छे नंबर नहीं आए थे। 

मध्य प्रदेश पहला ऐसा राज्य है जहां अक्टूबर 2022 में एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में शुरू की गई थी। फिलहाल यह ज्ञात नहीं है कि 21 साल की मृतका रानी मोरे ने इसका विकल्प क्यों नहीं चुना। खजूरी के थाना प्रभारी नीरज वर्मा ने बताया कि रानी खरगोन के झिरनिया की रहने वाली थी और उसने 2023 में एमबीबीएस में एडमिशन लिया था। वह पिछले कुछ दिनों से कमरे में अकेले रह रही थी क्योंकि उसकी रूममेट घर चली गई थी।

सोमवार को जब रानी सुबह 10 बजे तक अपने कमरे से बाहर नहीं आई तो वार्डन ने उसका दरवाजा खटखटाया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने तुरंत इसकी सूचना कॉलेज प्रबंधन को दी। कारपेंटर की मदद से दरवाजा खोला गया तो रानी कमरे में मृत मिली। इसके बाद पुलिस को घटना की जानकारी दी गई। खजूरी पुलिस फॉरेंसिक टीम के साथ पहुंची। कमरे का निरीक्षण किया और शव को पोस्टमार्टम के लिए ले गई। मृतका के परिवार को सूचित किया गया।

रानी के पिता देवी सिंह मोरे ने मंगलवार को टीओआई को बताया कि वह हमेशा से एक बहुत अच्छी छात्रा रही थी। उन्होंने कहा, 'उसकी शिकायत सिर्फ इतनी थी कि अंग्रेजी में मेडिकल की पढ़ाई करना मुश्किल था क्योंकि उसने 12वीं तक हिंदी मीडियम से पढ़ाई की थी। जब किसी छात्र को परीक्षा में कम अंक मिलते हैं तो कॉलेज उसके माता-पिता को बुलाता है। जब हमें बुलाया गया तो उसकी मां भोपाल गईं थी। मैंने अपनी बच्ची को आश्वस्त किया कि वह अच्छा परफॉर्म करेगी क्योंकि उसे कड़े कॉम्पिटीशन के बाद एमबीबीएस में जगह मिली है। धीरे-धीरे, सब कुछ ठीक हो जाएगा।'

मृतका के पिता ने बताया कि उसने कभी किसी के द्वारा परेशान किए जाने की शिकायत नहीं की। उन्होंने कहा, 'मैंने आज उसके हॉस्टल के कमरे से उसके कपड़े और किताबें इकट्ठा की हैं। रात में हमारे घर पहुंचने के बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।'

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