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मध्य प्रदेश के इंदौर के डेली कॉलेज की गवर्निंग बॉडी में बदलाव पर सियासत, दिग्विजय बोले राजनीति का अखाड़ा नहीं बनाएं

इंदौर डेली कॉलेज की गवर्निंग बॉडी को पिछले दिनों बदलने पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह मैदान में उतर आए हैं। दिग्विजय सिंह ने कहा कि डेली कॉलेज को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनाया जाए।

Ravindra Kailasiya लाइव हिंदुस्तान, भोपालSat, 9 April 2022 04:11 PM
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देश के प्रमुख प्रतिष्ठित रहवासी स्कूलों में शामिल इंदौर के डेली कॉलेज की गवर्निंग बॉडी को पिछले दिनों बदल दिया गया है जिसको लेकर अब पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह मैदान में उतर आए हैं। गवर्निंग बॉडी में भाजपा विधायक गायत्री तुकोजीराव पवार के पुत्र विक्रम सिंह को अध्यक्ष बनाए जाने पर दिग्विजय सिंह ने कहा है कि प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनाएं। इसकी प्रतिष्ठा को खराब नहीं करें।

150 साल पुराने इंदौर के डेली कॉलेज में तीन दिन पहले बड़ा उलटफेर हुआ था जिसमें झाबुआ के महाराजा नरेंद्र सिंह और कॉलेज के प्रिंसिपल नीज बधोतिया को हटा दिया गया था। नरेंद्र सिंह की जगह गवर्निंग बॉडी का चेयरमेन देवास की भाजपा विधायक और उपाध्यक्ष विक्रम पवार को अध्यक्ष बना दिया गया था। इसके साथ ही प्रिंसिपल बधोतिया की जगह देहरादून की गुरमीत कौर बिंद्रा को नया प्रिंसिपल बनाया दिया गया था। गवर्निंग बॉडी के उलटफेर की प्रक्रिया के दौरान एसडीएम वहां मौजूद रहे थे और इस प्रक्रिया पर नरेंद्र सिंह झाबुआ ने आपत्ति भी की थी। गवर्निंग बॉडी में उलटफेर के बाद विधायक अपने पुत्र के साथ सीएम शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात करने भी भोपाल पहुंची थी। वहीं, छह अप्रैल को गवर्निंग बॉडी की बैठक के दिन विक्रम और उनकी मां डेली कॉलेज में पूरे समय एकसाथ रहे थे। 

दिग्विजय ने आज आपत्ति की
दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया है कि प्रदेश सरकार और इंदौर जिला प्रशासन ने डेली कॉलेज की गवर्निंग बॉडी को निहित स्वार्थों के चलते अवैध आदेश से भंग किया है। डेली कॉलेज जैसी विश्व स्तरीय संस्था के नाम को खराब किया जा रहा  है। दिग्विजय सिंह स्कूल के पूर्व छात्र रहे हैं और उन्होंने कहा कि यहां उनकी चौथी पीढ़ी पढ़ रही है। सिंह ने डेली कॉलेज को राजनीति से बाहर रखने की अपील की और कहा कि 6 अप्रैल 2022 के काले दिन देश के सबसे पुराने इस पब्लिक स्कूल में पहली बार पुलिस के साथ सरकारी अधिकारी घुसे। बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठक को बाधित किया। सिंह ने आरोप लगाया कि एसडीएम ने शासनादेश सौंपते हुए विधिवत रूप से निर्वाचित बोर्ड ऑफ गवर्नर के अध्यक्ष और एक सदस्य को बैठक छोड़ने के लिए विवश किया। 

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