Hindi Newsमध्य प्रदेश न्यूज़Controversial statement on Brahmins Bhim Army Chief Chandrashekhar Azad says BJP is a party of upper castes

ब्राह्मणों पर विवादित बयान: भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर बोले- प्रीतम लोधी को बताई हैसियत, भाजपा सवर्णों की पार्टी

आजाद ने कहा कि भाजपा नेता प्रीतम लोधी का पार्टी से निष्कासन एससी-एसटी समुदाय के राजनीतिक शोषण का उदाहरण है। लोधी को उनकी हैसियत बताई गई है कि सवर्णों की पार्टी भाजपा में उनकी हैसियत क्या है

Vishva Gaurav लाइव हिंदुस्तान, ग्वालियर।Mon, 22 Aug 2022 03:38 PM
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ब्राह्मणों पर विवादित बयान देने वाले पूर्व भाजपा नेता प्रीतम लोधी के पार्टी से निष्कासन के बाद भीम आर्मी लोधी के समर्थन में आ गई है। भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद ने कहा है कि मध्य प्रदेश में एससी-एसटी और ओबीसी वर्ग का बड़े पैमाने पर सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक शोषण हो रहा है।

चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि भाजपा नेता प्रीतम लोधी का पार्टी से निष्कासन एससी-एसटी समुदाय के राजनीतिक शोषण का उदाहरण है। लोधी को उनकी हैसियत बताई गई है कि सवर्णों की पार्टी भाजपा में उनकी हैसियत क्या है। आजाद ने कहा, 'वह संविधान निर्माता बाबा साहब अंबेडकर की शरण में आए हैं, इसलिए उन्हें बागेश्वर धाम महाराज के श्राप से विचलित होने की जरूरत नहीं है क्योंकि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का संविधान, सुरक्षा कवच के रूप में हमेशा उनके साथ है।'

लोधी का फैसला स्वागत योग्य: चंद्रशेखर
आजाद ने भाजपा से निष्कासित नेता प्रीतम लोधी द्वारा ग्वालियर में बाबासाहेब अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर शोषित और कमजोर वर्गों के हक में लड़ाई लड़ने को स्वागत योग्य कदम बताया। चंद्रशेखर ने कहा कि ग्वालियर अंचल दौरे के दौरान उन्हें शिवपुरी में 100 से ज्यादा दलित उत्पीड़न की शिकायतें मिली हैं। यह स्थिति भयावह है। मध्य प्रदेश में 90 फ़ीसदी आबादी बहुजन समाज की है लेकिन उसकी सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक हैसियत ना के बराबर है।

गुलाम भारत जैसे हालात में जीने को मजबूर लोग: आजाद
चंद्रशेखर ने कहा कि पिछली सरकार ने पिछड़े वर्ग को 27 फ़ीसदी आरक्षण देने की घोषणा की थी लेकिन पंचायत चुनाव में यह सिर्फ 7.5 फीसदी आरक्षण पर ही चुनाव लड़ा गया। ग्वालियर पहुंचे भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने कहा कि बहुजन समाज के लोग आज भी गुलाम भारत जैसे हालात में जीने पर मजबूर हैं। बच्चियों को स्कूल नहीं जाने दिया जाता। कोई दलित मूछें रखे तो उसकी हत्या हो जाती है। प्राकृतिक संसाधनों पर भी अनुसूचित जाति जनजाति और पिछड़े वर्ग का कोई अधिकार नहीं है। सारे संसाधन संपन्न वर्ग के लोगों के कब्जे में हैं। लोगों के पास काम-धंधे नहीं हैं। उनके पास पैसा नहीं है, जमीन नहीं है, ऐसे में वो दोयम दर्जे का जीवन जीने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में जन जागरण करने के मकसद से वह सभी जिलों को समाहित करते हुए एक न्याय यात्रा निकालेंगे जिस का समापन एक बड़ी आम सभा के रूप में राजधानी भोपाल में होगा।

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