Hindi Newsमध्य प्रदेश न्यूज़child who fall into borewell found dead after rescue operation that lasted for 45 hours in rewa

बोरवेल में गिरे बच्चे की मौत के बाद SDO-CEO सस्पेंड, ऐक्शन में CM मोहन यादव

सीएम ने कहा, 'इस मामले में जवाबदेही तय करते हुए सीईओ जनपद त्योंथर एवं एसडीओ पीएचई त्योंथर को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं। मेरा आप सभी से अनुरोध है कि ऐसे बोरवेल को ढंक कर रखें।'

Nishant Nandan लाइव हिन्दुस्तान, रीवाSun, 14 April 2024 05:14 PM
share Share

मध्य प्रदेश के रीवा जिले में बोरवेल मे ंगिरे मासूम की मौत के बाद मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने ताबड़तोड़ ऐक्शन लिया है। सीएम ने SDO और CEO को सस्पेंड कर दिया है। सीएम मोहन यादव ने एक्स पर इस बात की जानकारी दी है। सीएम ने एक्स पर लिखा, 'रीवा जिले के मनिका गांव में बोरवेल में गिरे मासूम बच्चे मयंक को प्रशासन के लगातार और अथक प्रयासों के बाद हम नहीं बचा सके। मन अथाह दु:ख और पीड़ा से भरा है। ईश्वर दिवगंत आत्मा को शांति एवं परिजनों को यह गहन दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।  पीड़ित बच्चे के परिजनों को रेडक्रॉस की ओर से ₹4 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। दु:ख की इस घड़ी में, मैं और मध्यप्रदेश सरकार मयंक के परिजनों के साथ खड़े हैं। इस मामले में जवाबदेही तय करते हुए सीईओ जनपद त्योंथर एवं एसडीओ पीएचई त्योंथर को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं। मेरा आप सभी से अनुरोध है कि ऐसे बोरवेल को ढंक कर रखें, ताकि इस तरह की घटनाओं को भविष्य में रोका जा सके।'

आपको बता दें कि करीब 45 घंटे तक एक बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने के बाद भी बोरवेल में गिरे 6 साल के मयंक को बचाया नहीं जा सका। बोरवेल में गिरे मयंक को रविवार को मृत अवस्था में बोरवेल से निकाला गया। जनेह थाना क्षेत्र अंतर्गत मनिका गांव में खेत में बने खुले बोरवेल में मयंक शुक्रवार को गिरा था। मासूम को बचाने के लिए हर तरह के प्रयास किए गए और उसे सकुशल बाहर निकालने के लिए लगभग 45 घंटे का रेस्क्यू ऑपरेशन चला लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका और उसकी बोरवेल के अंदर ही मौत हो गई। मृत अवस्था में उसे बाहर निकाला गया और एंबुलेंस के जरिए त्योंथर अस्पताल ले जाया गया। यहां पर उसका पोस्टमार्टम किया जाएगा।

मध्य प्रदेश में अक्सर बच्चों के बोरवेल में गिरने की घटना सामने आती रहती है कई घटनाएं होने और शासन-प्रशासन की सख्त चेतावनी के बाद भी लोग बोरवेल को खुला रखने से बाज नहीं आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि हादसे वाले दिन यह मासूम बच्चा खेत में खेल रहा था और खेलते-खेलते वो गेंहू की बिखरी बाली बिनने लगा। इसी दौरान वो खेत में बने खुले बोरवेल में जा गिरा। यह बोरवेल करीब 70 फीट गहरा था।

घटना की जानकारी लगने के बाद ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी थी। जिसके बाद एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम को भी मौके पर बुलाया गया और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरु किया गया था। मौके पर  स्थानीय विधायक सिद्धार्थ तिवारी सहित जिला कलेक्टर प्रतिभा पाल और एसपी विवेक सिंह भी गए थे। उनकी निगरानी में लगातार बचाव कार्य किया जा रहा था। बच्चे को बचाने के लिए कई जेसीबी मशीनों से अगल-बगल खुदाई भी की जा रही थी साथ ही गड्ढे में ऑक्सीजन भी दिया जा रहा था और कैमरा लगाकर उसके मूवमेंट का पता लगाया जा रहा था। उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल भी मौके पर पहुंचे थे और बच्चे को बचाने के लिए बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए थे।

लगभग 45 घंटे तक चले रेस्क्यू आपरेशन और हर तरह से मासूम को बचाने के प्रयास के बावजूद भी उसे बचाया नहीं जा सका और उसकी बोरवेल के अंदर ही मौत हो गई जिसे रविवार को बाहर निकाला गया। घटना के बाद मासूम मयंक जिंदगी और मौत के बीच गहरे बोरवेल के गड्ढे में जूझता रहा और आखिरकार वो जिंदगी की जंग हार गया। मयंक के बाहर आते ही परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है।

रीवा : सादाबुद्दीन सिद्दीकी

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें