कैबिनेट मंत्री बन सत्ता का पावर सेंटर कैसे बने सिंधिया, MP में कैसी गुटबाजी के लग रहे कयास
एयरपोर्ट बनाने में कृषि मंत्री रहे नरेंद्र सिंह तोमर और सांसद विवेक शेजवलकर की भी भूमिका रही थी, लेकिन सिंधिया के नागरिक उड्डयन मंत्री बनने के बाद काम ने जो रफ्तार पकड़ी उसने देश में नया रिकॉर्ड बना।
ग्वालियर चंबल अंचल में अभी तक केंद्र की सत्ता के दो पावर सेंटर माने जाते थे, एक थे पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और दूसरे ज्योतिरादित्य सिंधिया, लेकिन नरेंद्र सिंह के विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद अब ज्योतिरादित्य सिंधिया ही केंद्र में मंत्री हैं दूसरी बार उनके कैबिनेट मंत्री बनते ही अब विकास और सत्ता का पावर सेंटर सिंधिया को ही माना जा रहा है। सिंधिया राजघराने के महाराज और दूसरी बार कैबिनेट मंत्री बने ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर चंबल अंचल के विकास के पावर सेंटर माने जा रहे हैं।
सिंधिया के दूसरी बार मंत्री बनने के बाद अब इलाके में विकास कराने की मांग तेजी से उठने लगी है। अपने पिछले कार्यकाल में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने देश में एयरपोर्ट बनाने का रिकॉर्ड कायम किया है और ग्वालियर का हवाई अड्डा मात्र 16 महीने में बनाकर प्रधानमंत्री की तारीफ भी बटोरी थी। हालांकि, पिछले कार्यकाल में नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मिलकर ग्वालियर चंबल अंचल में विकास के कई बड़े काम किए हैं।
एयरपोर्ट बनाने में कृषि मंत्री रहे नरेंद्र सिंह तोमर और सांसद विवेक शेजवलकर की भी भूमिका रही थी, लेकिन सिंधिया के नागरिक उड्डयन मंत्री बनने के बाद काम ने जो रफ्तार पकड़ी उसने देश में नया रिकॉर्ड बना दिया। अब सिंधिया से ग्वालियर चंबल अंचल में विकास की उम्मीद तेजी से उठने लगी है। बीजेपी के पूर्व सांसद विवेक शेजवलकर और कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार भी सिंधिया से जल्दी विकास कराने की मांग कर रहे हैं।
दूसरी ओर भले ही नरेंद्र सिंह तोमर केंद्र में मंत्री ना हो लेकिन विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए भी अंचल के विकास के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। ग्वालियर चंबल अंचल के तीन सांसद मुरैना के शिवमंगल सिंह तोमर , ग्वालियर के भारत सिंह कुशवाह और भी भिंड की संध्या राय नरेंद्र सिंह के कोटे के ही मानी जाती हैं, लेकिन केंद्र में सिंधिया की भूमिका बड़ी है और वे ग्वालियर चंबल अंचल से अब एक मात्र केंद्रीय मंत्री हैं यानी केंद्र की जो भी योजना होगी उसका श्रेय सिंधिया को ही मिल सकता है।
ग्वालियर चंबल अंचल में सिंधिया के एक बार फिर पावर सेंटर बनने के बाद अब दो बड़े नेताओं के बीच अंदरुनी टकराव भी देखने को मिल सकता है यानी एक और टीम सिंधिया है तो दूसरी ओर नरेंद्र सिंह तोमर के साथ तीन सांसद। इसीलिए सिंधिया के सामने पावर सेंटर बनाए रखने की चुनौती दिखाई दे रही है।
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