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ताकि किसी श्रद्धालु का धर्म भ्रष्ट ना हो; बागेश्वर बाबा ने भी सुना दिया नाम वाला आदेश

दुकानों पर मालिक का नाम लिखने को लेकर जारी विवाद के बीच बागेश्वर बाबा के नाम से मशहूर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भी इसे अपने धाम में लागू करने का फैसला किया है। धाम में 10 दिन की मोहलत दी है।

ताकि किसी श्रद्धालु का धर्म भ्रष्ट ना हो; बागेश्वर बाबा ने भी सुना दिया नाम वाला आदेश
Sudhir Jha लाइव हिन्दुस्तान, छतरपुरMon, 22 July 2024 07:12 AM
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दुकानों पर मालिक का नाम लिखने को लेकर जारी विवाद के बीच बागेश्वर बाबा के नाम से मशहूर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भी इसे अपने धाम में लागू करने का फैसला किया है। मध्य प्रदेश के छतरपुर में स्थित बागेश्वर धाम में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने सभी दुकानदारों को अपना नाम लिखने को कहा है। 10 दिन की मोहलत देते हुए शास्त्री ने कहा कि यदि कोई ऐसा नहीं करेगा तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने दरबार में कहा, 'धाम पर अपनी दुकान पर नेमप्लेट जरूर लगाएं ताकि पता लगे कि राम वाले कौन हैं और रहमान वाले कौन हैं। हमें ना राम से दिक्कत है ना रहमान से दिक्कत है। हमें कालनेमियों से दिक्कत है। इसलिए नाम बताने में कोई दिक्कत नहीं है। आप जो हो अपनी दुकान पर नाम टांग दो ताकि आने वाले श्रद्धालुओं का धर्म भ्रष्ट ना हो। यह हमारी आज्ञा है, बागेश्वर धाम के सभी दुकानदार 10 दिन के अंदर नेमप्लेट लगवा लें नहीं तो धाम समिति की ओर से विधिक कार्रवाई की जाएगी।'

गौरतलब है कि इससे पहले उज्जैन में भी सभी दुकानों पर नाम लिखने का आदेश जारी किया जा चुका है। नगर निगम की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि जो दुकानदार इसका पालन नहीं करेंगे उन पर जुर्माना लगाया जाएगा। पूरे प्रकरण की शुरुआत उत्तर प्रदेश से हुई जहां सरकार ने कांवड़ रूट पर मौजूद सभी दुकानों पर मालिकों का नाम लिखने का आदेश दिया। विपक्षी और एनडीए सरकार में शामिल कई दलों ने इस फैसले का विरोध किया है। सुप्रीम कोर्ट में भी इस फैसले को चुनौती दी गई है।

शास्त्री ने एक दिन पहले भी इस मुद्दे पर मीडिया के सामने बयान दिया था। उन्होंने कहा था, 'कुछ बांग्लादेशी कुछ रोहिंग्या अपना नाम बदलकर सावन के महीने में गंगा के किनारे संकल्प ठोकने लगते हैं। इन ठठरी के वरों की असलियत सामने लाने के लिए दुकानदारों का असली नाम पता होना चाहिए। दुकानों पर असली नाम दिखना चाहिए ताकि पता चल जाए कि माधव की दुकान है कि हू वालों की है।' 

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