Hindi Newsमध्य प्रदेश न्यूज़Something was written on the church in Ujjain that angered Hindu organizations

उज्जैन में चर्च पर लिखा था कुछ ऐसा कि भड़क गए हिंदू संगठन, धमकी के बाद ट्रस्ट ने मान ली मांग

  • हिन्दूवादी संगठन के सदस्यों ने अनुविभागीय दंडाधिकारी से मिलकर मसीही मंदिर चर्च से 'मंदिर' शब्द हटाने की मांग की और ना हटाए जाने पर कानूनी कार्रवाई और विरोध-प्रदर्शन करने की चेतावनी दी थी।

Sourabh Jain लाइव हिन्दुस्तान, उज्जैन, मध्य प्रदेशSat, 21 Dec 2024 04:23 PM
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ईसाइयों के सबसे बड़े त्योहार क्रिसमस से पहले मध्यप्रदेश के उज्जैन में एक नया विवाद सामने आया है, जहां हिन्दूवादी संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं ने चर्च पर 'मंदिर' शब्द लिखा होने को लेकर आपत्ति जताई। इस मुद्दे को लेकर विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल के सदस्यों ने SDM से चर्चा की और दो दिनों में चर्च से मंदिर शब्द को हटवाने की मांग की। साथ ही ऐसा ना होने पर उन्होंने वैधानिक कार्रवाई के साथ ही उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी। जिसके बाद विवाद बढ़ते देख चर्च ट्रस्टी ने मैन गेट पर लगए बोर्ड पर लिखे 'मंदिर' शब्द को हटा दिया।

हिन्दूवादी संगठन के लोगों का कहना है कि हिंदू समाज के भोलेभाले ग्रामीण वहां पर मंदिर लिखा होने की वजह से उसे मंदिर समझ चर्च में चले जाते हैं और फिर धर्मांतरण के जाल में फंस जाते हैं। यह मामला उज्जैन में देवास रोड पर स्थित 78 वर्ष पुराने चर्च का है, जिसके मुख्य द्वार पर 'मसीही मंदिर चर्च' लिखा हुआ था। इसी का विरोध करते हुए विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल जैसे हिंदू संगठनों ने अनुविभागीय दंडाधिकारी से मिलकर शिकायत दर्ज कराई।

बुधवार को हुई थी विवाद की शुरुआत

बताया जा रहा है कि विवाद की शुरुआत बुधवार को हुई थी। जब विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल ने एसडीएम और चर्च के पदाधिकारियों से मिलकर मसीह मंदिर चर्च से 'मंदिर' शब्द दो दिन में हटाने के लिए कहा था। जिसके बाद समय सीमा पूरी होने से पहले ही ट्रस्ट ने चर्च पर लिखे मंदिर शब्द वाली पट्टी को हटा दिया।

विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल का आरोप

इस बारे में जानकारी देते हुए विहिप जिलाध्यक्ष महेश तिवारी ने कहा कि 'चर्च पर मंदिर शब्द लिखे होने ने से हमारे हिन्दू भाई भ्रमित होते है और वे चर्च में चले जाते है। जहां उनका धर्मांतरण होता है। इसलिए मंदिर शब्द हटाया जाए।' आगे उन्होंने कहा कि 'चर्च पर मंदिर लिखा होने से हमारी धार्मिक आस्था आहत हो रही हैं, एवं हमारा भोला भाला हिन्दू समाज भ्रमित होता हैं, हिन्दू धर्म मे मंदिर शब्द का उपयोग सनातनी देवालयों के लिए ही होता रहा है,मंदिरों में बहुत सी सनातनी परम्पराओं का निवर्हन करना होता जो कही भी सम्भव नही हैं। चर्चों में मंदिर शब्द को जोड़ने का कोई मतलब नहीं है।'

चर्च पर मंदिर लिखा होने पर विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल ने जताई आपत्ति, नाम हटाने को लेकर एसडीएम से कहा।

चर्च ट्रस्टियों से की थी नाम हटाने की मांग

विहिप जिलाध्यक्ष महेश तिवारी ने कहा कि मसीही चर्च के द्वारा अपनी संस्था मसीही चर्च के नाम के साथ मंदिर शब्द का उपयोग किया जा रहा हैं। जिस पर विश्व हिन्दू परिषद को घोर आपत्ति है। इसी बात को लेकर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने मसीही चर्च के ट्रस्टियों से मुलाकात कर मांग की थी कि दो दिनों में चर्च से मंदिर शब्द को हटाने की कार्रवाई की जाए, अन्यथा वैधानिक कार्रवाई के साथ ही उग्र आंदोलन किया जाएगा। जिसके बाद शुक्रवार देर रात को मसीह ट्रस्ट ने बिना विवाद के चर्च पर लगी पट्टिका पर लिखे मंदिर शब्द को हटा दिया।

ट्रस्ट बोला- हम शांतिप्रिय लोग हैं

उधर मसीह चर्च के ट्रस्टी वीरेंद्र नथानील ने इस विवाद को लेकर कहा कि देवास रोड स्थित आईजी बंगले के पास मसीह चर्च में बीते 78 साल से चर्च की मुख्य बिल्डिंग और चर्च की बाउंड्री वॉल पर मसीह मंदिर चर्च लिखा था। लेकिन वीएचपी और बजरंग दल के विरोध के बाद सभी जगह से मंदिर शब्द हटा दिया गया है। हम शांति प्रिय लोग हैं, क्रिसमस भी आ रहा है, जिसे हम सबके साथ मिलकर बनाना चाहते हैं।

रिपोर्ट विजेन्द्र यादव

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