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धूप में खड़ा करती हैं, घास कटवाती हैं, लेडी टीचर पर भड़कीं छात्राएं, भोपाल के स्कूल में बवाल

भोपाल में सरकारी सरोजिनी नायडू कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में बुधवार को छात्राओं ने जमकर हंगामा और तोड़फोड़ किया। छात्राओं ने आरोप लगाया कि महिला प्रशासक स्कूल में थोड़ा लेट पहुंचने पर उन्हें धूप में खड़ा कर देती हैं। उनसे साफ सफाई भी कराई जाती है।

Krishna Bihari Singh पीटीआई, भोपालWed, 4 Sep 2024 01:58 PM
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भोपाल में सरकारी सरोजिनी नायडू कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में बुधवार को छात्राओं ने जमकर हंगामा किया। आक्रोशित छात्राओं ने नारेबाजी की और फर्नीचर के साथ अन्य संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया। छात्राओं ने आरोप लगाया कि महिला प्रशासक उनसे स्कूल में साफ-सफाई कराती हैं। यही नहीं स्कूल में थोड़ा लेट पहुंचने पर उन्हें धूप में खड़ा होने की सजा दे दी जाती है। छात्राओं के हंगामे और तोड़फोड़ का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

वायरल वीडियो में छात्राओं ने फर्नीचर को नुकसान पहुंचाया, छतों पर टंगे पंखों के ब्लेड खींचे, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट, खिड़कियों और दरवाजों के शीशे तोड़ दिए। जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) एनके अहिरवार ने इस घटना के बारे में पूछे जाने पर बताया कि स्कूल की देखरेख स्टेट ओपन स्कूल द्वारा की जाती है। सशस्त्र बलों की पूर्व कैप्टन वर्षा झा स्कूल प्रशासन का प्रबंधन करती हैं। हंगामे के बाद वर्षा झा को उनके पद से हटा दिया गया है। छात्राओं ने आरोप लगाया कि स्कूल में देरी से पहुंचने के कारण उन्हें सजा दी गई।

वायरल वीडियो में एक छात्रा ने दावा किया कि हम केवल 10 से 15 मिनट देर से पहुंचे, इस पर स्कूल प्रशासन ने हमें घास साफ करने की सजा दी और हमें धूप में खड़ा कर दिया। छात्रा ने कहा कि धूप में खड़ा होने के कारण कुछ छात्राएं बेहोश हो गईं। छात्राओं ने शौचालयों की खराब स्थिति और अपर्याप्त जल आपूर्ति की भी शिकायत की। इस बीच, कांग्रेस नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने दावा किया कि छात्राओं से कूड़ा हटाने, घास काटने और देरी से आने पर पत्थर हटाने के लिए कहा गया।

अरुण यादव ने एक्स पर पोस्ट किया, स्कूल में शौचालय गंदे हैं और छात्राओं को स्वच्छ पेयजल नहीं मिल रहा है। यदि राज्य की राजधानी के स्कूल की यह स्थिति है, तो राज्य के बाकी हिस्सों में सरकारी स्कूलों की दुर्दशा की कल्पना की जा सकती है। जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) एनके अहिरवार ने कहा कि हंगामे के बाद वर्षा झा को उनके पद से हटा दिया गया है। छात्राओं की ओर से लगाए गए दुर्व्यवहार और स्कूल की सुविधाओं की खराब स्थिति समेत अन्य आरोपों की आधिकारिक जांच चल रही है।

छात्राओं का कहना है कि वे वर्षा झा के रवैये से परेशान हैं। वहीं जिला शिक्षा अधिकारी एनके अहिरवार ने भरोसा दिया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी। शौचालय साफ करने के लिए मजबूर किए जाने की छात्राओं की शिकायत पर डीईओ ने कहा कि जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। छात्राओं से सुनने के बाद ऐसा लगता है कि वर्षा झा का व्यवहार उनके प्रति अच्छा नहीं था। ऐसा लगता है कि वह उनसे बहुत सख्ती से पेश आती थीं।

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