कब्र खोदकर निकालें शव, परिवार के सामने दोबारा हो पोस्टमार्टम; MP HC ने क्यों दिया यह आदेश
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक शख्स के शव का दोबारा पोस्टमार्टम करने का आदेश दिया है क्योंकि उसके परिवार के सदस्यों ने शक जाहिर किया है कि उसकी हत्या की गई है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एस के कैत और जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने इस निर्देश के साथ अपील का निपटारा कर दिया।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक शख्स के शव का दोबारा पोस्टमार्टम करने का आदेश दिया है क्योंकि उसके परिवार के सदस्यों ने शक जाहिर किया है कि उसकी हत्या की गई है। शुक्रवार को पारित आदेश में, हाईकोर्ट ने बालाघाट पुलिस को उस व्यक्ति के शव का दोबारा पोस्टमार्टम करने का निर्देश दिया, जिसे इस साल सितंबर में फांसी पर लटके पाए जाने के बाद छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के लोहारीडीह गांव में दफनाया गया था।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा, 'मामले के संबंधित जांच अधिकारी को दफन स्थल पर जाना होगा और अपीलकर्ताओं की मौजूदगी में शव को बाहर निकालना होगा। इसके बाद दोबारा पोस्टमार्टम किया जाएगा और इस संबंध में रिपोर्ट को रिकॉर्ड में रखा जाएगा।' हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एस के कैत और जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने इस निर्देश के साथ अपील का निपटारा कर दिया।
इस मामले में मृतक शिव प्रसाद साहू की नाबालिग बेटी लालेश्वरी साहू और सास रामौतिन बाई ने 4 अक्टूबर, 2024 के सिंगल जज की बेंच के आदेश को चुनौती देते हुए अपील दायर की, जिसमें उनके शव का दोबारा पोस्टमार्टम करने की उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी। अपीलकर्ताओं के वकील शशांक शेखर ने कहा कि परिवार के सदस्यों को संदेह है कि शिव प्रसाद साहू की हत्या की गई है और सच्चाई जानने के लिए दोबारा पोस्टमार्टम किया जाना चाहिए।
वकील ने कहा कि साहू को इस साल 15 सितंबर को मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के रेलवाही के बीजाटोला गांव के पास एक जंगल में फांसी के फंदे पर लटका पाया गया था। शेखर ने बताया कि साहू छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के लोहारीडीह गांव का निवासी था जो बालाघाट की सीमा से सटा हुआ है, जहां उसका शव लटका हुआ मिला था। वकील ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद बालाघाट पुलिस ने मृतक का शव उसके परिजनों को सौंप दिया था।
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