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पराली जलाने के आरोपी किसानों की पैरवी नहीं करेगा एमपी हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, क्या कहा?

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट बार एसोसिएशन का कहना है कि उसका कोई भी सदस्य वकील पराली जलाने के आरोपी किसानों की पैरवी नहीं करेगा। बार एसोसिएशन ने क्या बातें कही इस रिपोर्ट में जानें…

Krishna Bihari Singh पीटीआई, जबलपुरTue, 19 Nov 2024 11:52 PM
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मध्य प्रदेश हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने निर्णय लिया है कि उसका कोई भी सदस्य वकील पराली जलाने से संबंधित किसानों का मामला नहीं लड़ेगा। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने इसके लिए पर्यावरणीय कारणों का हवाला दिया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट डीके जैन ने बताया कि उनकी कार्यकारिणी की बैठक में देशभर में पराली जलाने की घटनाओं पर चर्चा हुई। इसमें पराली जलाने की घटनाओं से जन-जीवन को होने वाले खतरों पर चिंता व्यक्त की गई।

एसोसिएशन के एक पदाधिकारी ने कहा कि पराली जलाने से न केवल प्रदूषण फैलता है, वरन जीवों की मौत भी होती है। एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट डीके जैन ने कहा कि पराली जलाने से लोग कई बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। मौजूदा वक्त में पराली जलाने का प्रचलन बढ़ रहा है। ऐसे में देश हित में पराली जलाने पर प्रतिबंध का समर्थन करते हुए यह निर्णय लिया गया है कि एसोसिएशन से जुड़े वकील पराली जलाने के मामलों में आरोपी किसानों की पैरवी नहीं करेंगे।

खबरों के अनुसार, पराली जलाने के मामले में मध्य प्रदेश देश में पहले स्थान पर है। इससे उत्तरी राज्यों में लोगों का जीवन दूभर हो रहा है। इस गंभीर समस्या को लेकर न्यायालय और सरकार ने समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। पराली जलाने से खेतों में मौजूद वे जीव-जंतु मर जाते हैं जो जमीन की उर्वरता बढाने में सहायक होते हैं। इसके साथ ही वातावरण भी जहरीला हो जाता है। पराली के धुएं का आम लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

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