Hindi Newsमध्य प्रदेश न्यूज़mp crime news life time imprisonment for two convict by gwalior court in gang rape case

MP: गैंग रेप केस में पीड़िता मुकरी; फिर भी अदालत ने सुनाई उम्रकैद, किस आधार पर फैसला?

ग्वालियर की जिला अदालत ने गैंगरेप के एक मामले में 60 वर्षीय पीड़िता के मुकरने के बावजूद आरोपियों को उम्रकैद का फैसला सुनाया है। चौंकाने वाली बात यह रही कि इस बहुचर्चित केस की सुनवाई के दौरान फरियादीं महिला मुकर गई थी।

Krishna Bihari Singh लाइव हिन्दुस्तानWed, 12 Feb 2025 03:40 PM
share Share
Follow Us on
MP: गैंग रेप केस में पीड़िता मुकरी; फिर भी अदालत ने सुनाई उम्रकैद, किस आधार पर फैसला?

ग्वालियर की जिला अदालत ने गैंगरेप के एक मामले में 60 वर्षीय पीड़िता के मुकरने के बावजूद आरोपियों को उम्रकैद का फैसला सुना दिया। इस बहुचर्चित केस की सुनवाई के दौरान फरियादीं महिला मुकर गई। अदालत में पीड़िता ने आरोपियों को पहचानने से ही इनकार कर दिया। पुलिस ने भी इस मामले में रफादफा रिपोर्ट लगा दी लेकिन अदालत ने दोनों को ही अस्वीकार कर दिया। अदालत ने पूरे मामले की सुनवाई की और डीएनए की रिपोर्ट के आधार पर दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुना दी।

अदालत के इस फैसले को रेप या गैंगरेप के मामलों में एक नजीर माना जा रहा है। बताया जाता है कि पीड़िता हलवाइयों के साथ शादी पार्टी में पूरियां बेलकर परिवार चलाती थी। 23 मार्च 2021 को पीड़िता अपराह्न 4 बजे घर पर थी। इसी दौरान एक अज्ञात व्यक्ति आया और बोला कि दिलीप ठेकेदार ने पूरी बेलने के काम के लिए उसे बुलाया है। दोनों पैदल पहले गोल पहाड़िया क्षेत्र पहुंचे जहां दिलीप मिला। तीनों टमटम से शीतला माता मंदिर रास्ते पर गए। सब टमटम से ही कच्चे रास्ते से होते हुए सूनसान क्षेत्र में पहुंचे।

इसके बाद दोनों ने महिला को अकेला पाकर उसके साथ अश्लील हरकतें करनी शुरू कर दी। दोनों ने उसके साथ जबरन बारी बारी से दुष्कर्म किया। महिला के विरोध करने पर आरोपियों ने चाकू से कई वार किए। इससे भी आरोपियों का मन नहीं भरा तो पीड़िता के पैर पर टमटम का पहिया चढ़ाकर भाग गए। 24 मार्च को पीड़िता को होश आया तो वह निर्वस्त्र पड़ी थी। वहीं किसी तरह घिसट-घिसटकर वह मुख्य मार्ग पहुंची। इसके बाद लोगों ने उसे वस्त्र दिए और पुलिस को वारदात के बारे में सूचना दी।

पीड़िता करीब एक हफ्ते अस्पताल में रही। पीड़िता ने पुलिस को दिए अपने बयान में आरोपी दिलीप का नाम लिया। बाद में अज्ञात व्यक्ति की पहचान राजू के रूप में हुई। बाद में सुनवाई के दौरान महिला मुकर गई। उसने आरोपियों को पहचानने से भी इनकार कर दिया। पुलिस ने केस में खात्मा रिपोर्ट लगाई। इस रिपोर्ट में पुलिस ने दावा किया कि घटना के समय आरोपी किसी अन्य कार्यक्रम में मौजूद था। हालांकि पुलिस ऐसा गवाह पेश नहीं कर पाई जिससे यह साबित हो सके कि आरोपियों ने दुष्कर्म नहीं किया।

एक अन्य आरोपी राजू ने पुलिस पर झूठे केस फंसाने का आरोप लगाया। उसने दलील दी कि दिलीप, पार्षद हरि के भाई का दामाद है। दिलीप को बचाने के लिए ही पुलिस ने उसे आरोपी बनाया है। हालांकि पुलिस की खात्मा रिपोर्ट का विरोध किया गया। इसके बाद डीएनए रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए गए। इसमें पुष्टि हुई कि यह दुष्कर्म दिलीप और राजू द्वारा ही किया गया था। इसी डीएनए रिपोर्ट को ही कोर्ट ने आधार मानते हुए महिला के साथ दुष्कर्म और उस पर चाकू से जानलेवा हमला करने के आरोप में दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

टोपी दिलीप उर्फ बालू पान (38) निवासी दर्जी ओली और राजू (56) निवासी बेलदार का पुरा जनकगंज पर विशेष न्यायाधीश विवेक कुमार ने 60-60 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। अपर लोक अभियोजक मिनी शर्मा ने बताया कि घटना की शिकायत पुलिस थाना गिरवाई में दर्ज कराई गई थी। अदालत ने पीड़िता को एक लाख रुपए का मुआवजा देने का भी आदेश दिया है। विशेष न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा कि दुष्कर्म आत्मा पर ऐसा गहरा घाव, जो जीवन भर नहीं भरता। यह आत्मसम्मान और सामाजिक प्रतिष्ठा को भी नष्ट कर देता है।

रिपोर्ट- अमित गौर

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें