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महाकाल हुए मालामाल, करोड़ों के सोने-चांदी और कैश समेत मिला अरबों का दान; कहां-कहां से हुई कमाई

मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर का भंडार भक्तों ने भर दिया है। मंदिर को यह रिकॉर्ड दान 11 माह 15 दिनों में 1अरब 69 करोड़ रुपये से अधिक का दान मिला है। इसमें 1533 ग्राम सोने और 399 किलो चांदी के साथ नकद रुपये भी मिले हैं।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, उज्जैनTue, 17 Dec 2024 10:30 AM
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मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर का भंडार भक्तों ने भर दिया है। मंदिर को यह रिकॉर्ड दान 11 माह 15 दिनों में 1अरब 69 करोड़ रुपये से अधिक का दान मिला है। इसमें 1533 ग्राम सोने और 399 किलो चांदी के साथ नकद रुपये भी मिले हैं। साथ ही महाकाल के भक्त 53 करोड़ 50 लाख से अधिक के लड्डू प्रसादी ले गए हैं और 64 किलो आभूषण दान पेटी से प्राप्त हुए हैं। हालांकि, महाकाल गर्भगृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद होने से आय प्रभावित हुई है।

उज्जैन में महाकाल लोक बनने के बाद से ही श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। इसके पहले मंदिर में रोजाना 50 हजार के करीब श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते थे, लेकिन अब यह आंकड़ा बढ़कर डेढ़ से दो लाख श्रद्धालु प्रतिदिन पर पहुंच गया है। महाकाल दर्शन को आने वाले भक्त दिल खोलकर महाकाल मंदिर में दान और भेंट देते हैं। इससे मंदिर की आय भी तीन गुना बढ़ी है। बताया जा रहा है कि पिछले साल 13 माह का आंकड़ा मंदिर समिति ने जारी किया था। उस समय करीब 6 माह तक गर्भगृह में भक्तों का प्रवेश प्रतिबंधित नहीं था। इस कारण से प्रति श्रद्धालु के रूप में मंदिर समिति को 750 रुपये प्रवेश के रूप में मिलते थे। इससे मंदिर की 13 माह की आय 1 अरब 69 करोड़ 73 लाख के करीब बताई गई थी। हालांकि, अभी साल 2024 समाप्त नहीं हुआ है, इसके पहले ही मंदिर को 1 अरब 12 करोड़ 31 लाख 85 हजार 988 रुपये बताई गई है। बता दें कि मंदिर समिति को अभी 17 दिन का दान और अन्य आय की गणना करना बाकी है।

सोना-चांदी, आभूषण, लड्डू प्रसादी और अपार दान से हुई आय

महाकाल मंदिर समिति को 1 जनवरी 2024 से लेकर 13 दिसंबर 2024 तक महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए आए भक्तों ने सिर्फ नकद ही दान नहीं दिया, बल्कि बड़ी संख्या में सोना-चांदी भी दान किया है। 1 जनवरी 2024 से 13 दिसंबर 2024 तक एक वर्ष में 399 किलो चांदी जिसकी अनुमानित कीमत 2 करोड़ 42 लाख 803 रुपये के करीब बताई जा रही है। इसके साथ डेढ़ किलो सोना भी मिला है जिसकी कीमत 95 लाख 29 हजार 556 रुपए है। इस बार वर्ष 2024 में मंदिर की आय बिना गर्भगृह खुले ही 12 माह से पहले एक अरब 65 करोड़ रुपये से अधिक पहुंच गई है। जिसमें 53 करोड़ 50 लाख 14 हजार की लड्डू प्रसादी भक्त अपने साथ लेकर गए हैं।

महाकाल मंदिर को भेंट पेटी भस्मरती और शीघ्र दर्शन से भी हुई आय

मंदिर से मिली जानकारी के अनुसार, महाकाल मंदिर को दान पेटियों से 43 करोड़ 85 लाख 20 हजार 718 रुपये की आई हुई है। वहीं भक्तों द्वारा शीघ्र दर्शन करने से 48 करोड़ और 99 लाख 80 हजार 551 रुपये की आय हुई है। बता दें कि शीघ्र दर्शन का शुल्क 250 रुपये प्रति श्रद्धालु है।वहीं, महाकाल भस्म आरती से 9 करोड़ 90 लाख 2 हजार 600 रुपये की आय हुई है। मंदिर समिति को अभिषेक भेंट अन्य क्षेत्र धर्मशाला बुकिंग के साथ मांग एवं ध्वज बुकिंग से भी आय प्राप्त हुई है।

गर्भगृह बंद होने से आय हुई प्रभावित

महाकाल मंदिर में साल 2023 के सावन माह के पहले गर्भगृह को बंद किया गया था। गर्भगृह बंद हुए करीब एक वर्ष अधिक का समय हो चुका है। मंदिर के गर्भगृह में दर्शन करने का शुल्क 750 रुपये प्रति श्रद्धालु रखा गया था। जुलाई 2023 में गर्भगृह में आम भक्तों का प्रवेश बंद कर दिया गया। इसके बाद से अब तक गर्भगृह पूर्णतः बंद होने के बाद पिछले साल 6 माह में ही 9 करोड़ 45 लाख 82 हजार 990 रुपए की आय हुई थी।

रिपोर्ट : विजेन्द्र यादव

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