मध्य प्रदेश का एक ऐसा शिव मंदिर जिसकी दीवार पर है इस्लाम का पहला कलमा
मध्य प्रदेश के रीवा में एक ऐसा भी मंदिर है जिस पर इस्लाम का कलमा लिखा है। यह मंदिर 1755 में बनकर तैयार हुआ था जिसकी दीवार पर आज भी अरबी भाषा कलमा लिखा हुआ है।
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मध्य प्रदेश के रीवा में एक ऐसा भी मंदिर है जिस पर इस्लाम का कलमा लिखा है। यह मंदिर 1755 में बनकर तैयार हुआ था जिसकी दीवार पर आज भी अरबी भाषा कलमा लिखा हुआ है। हालांकि, शिल्पकारों की लापरवाही की वजह से यह पत्थर उलटा लगा दिया गया था जो आज भी उसी तरह लगा हुआ है। इस मंदिर का निर्माण केशव राय ने करवाया था जिनकी मां और पत्नी मुस्लिम थी और उन्हीं के कहने पर उन्होंने इसमें कलमा लिखवाया था।
रीवा जिले के गुढ़ रोड के ग्राम खड्डा में तालाब के किनारे एक भव्य प्राचीन शिव मंदिर है। इसे रौरिहा नाथ मंदिर कहा जाता है। इसका निर्माण केशव राय ने 1755 में कराया गया था। मंदिर के पश्चिम द्वार की मेहराब मुगल शैली की है। मंदिर के पश्चिमी हिस्से की बाहरी दीवार पर एक पत्थर पर इस्लाम का पहला कलमा अरबी भाषा में अंकित है। शिल्पकारों की लापरवाही से यह पत्थर उलटा लग गया था, जो आज भी वैसा ही है।
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दो मंजिला मंदिर के पश्चिमी हिस्से के बरामदे से प्रथम तल में पहुंचने के लिए तंग सीढ़ियां है। भूमि तल की कोठरियों के ठीक ऊपर चार स्तंभों पर टिकी छतरियां हैं। इसका गुंबद मुगल शैली से प्रभावित है। इन गुंबदों में पाषाण खण्डों की जगह पतले देसी ईटों के साथ सुर्खी-चूने का उपयोग किया गया है। गर्भगृह के भीतरी हिस्से की दीवारों में पुश-पक्षी और विभिन्न तरह की आकृतियों बनी हुई हैं। इसके द्वितीय तल में चारों ओर खिड़कियां है। मंदिर का मुख्य गुंबद नागर शैली से प्रभावित है। मंदिर के विभिन्न हिस्सों में लगे पत्थर कलचुरि कालीन प्रतीत होते हैं।
इस मंदिर में जो कलमा लिखा है उसको लेकर वरिष्ठ इतिहासकार असद खान बताते है कि इस प्राचीन शिवालय का निर्माण महराजा अवधूत सिंह के पुत्र केशव राय ने कराया था। केशव राय काफी बहादुर थे। उनकी मां और पत्नी मुस्लिम थीं। केशव राय भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त थे। जब वो खड्डा में इस शिवालय का निर्माण करा रहे थे तो उनकी मां ने गुजारिश की कि इसमें एक कलमा भी लिखवा दो। इस मंदिर के सामने की तरफ चौखट में अल्लाह भी लिखा हुआ है जिसे केशव राय ने अपनी पत्नी के कहने पर लिखवाया था लेकिन ये अब पूरी तरह से नहीं दिख रहा मिटा हुआ दिखाई देता है।
रिपोर्ट- सादाब सिद्दीकी
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