कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' की रिलीज पर रोक की मांग, HC करेगा सुनवाई, एक्ट्रेस बोलीं- मिल रहीं धमकियां
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट उस याचिका पर सुनवाई करने वाला है जिसमें कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' की रिलीज रोकने की गुहार लगाई गई है। फिलहाल यह फिल्म सेंसर बोर्ड के पास अटकी हुई है। याचिका एक सिख संगठन ने डाली है।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट सोमवार को उस याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें कंगना रनौत की आगामी फिल्म 'इमरजेंसी' की रिलीज रोकने का निर्देश देने की मांग की गई है। यह फिल्म सेंसर बोर्ड के पास अटकी हुई है। हिमाचल प्रदेश के मंडी से भाजपा सांसद कंगना रनौत 6 सितंबर को रिलीज होने वाली इस फिल्म में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी का किरदार निभा रही हैं। यह याचिका एक सिख संगठन की ओर से दाखिल की गई है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता एनएस रूपराह ने बताया कि जबलपुर सिख संगत ने फिल्म के खिलाफ हाईकोर्ट में एक पीआईएल दायर की है। इस याचिका में दावा किया गया है कि यह समाज के लिए हानिकारक है। याचिका में यह भी मांग की है कि फिल्म रिलीज नहीं की जानी चाहिए क्योंकि यह सिख समुदाय के मौलिक अधिकारों का हनन करती है। यह याचिका 2 सितंबर को खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए लिस्ट की गई है।
बीते शुक्रवार को कंगना रनौत ने कहा कि उनकी फिल्म अभी भी सेंसर बोर्ड के पास अंटकी हुई है जबकि अफवाहें हैं कि इसकी रिलीज को मंजूरी मिल गई है। एक्स पर पोस्ट किए गए वीडियो संदेश में कंगना ने दावा किया कि उनको और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के सदस्यों को धमकियां मिली हैं। इससे हम पर दबाव है कि अपने सुरक्षा गार्डों द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या को ना दिखाएं।
कंगना ने आरोप लगाया कि जान से मारने तक की धमकियां मिल रही हैं। इससे हम पर दबाव है कि भिंडरावाले को ना दिखाएं, पंजाब हिंसा को ना दिखाएं। यह अविस्वसनीय है। वहीं पीटीआई से बात करते हुए भाजपा नेता और पूर्व राज्य मंत्री हरिंद्रजीत सिंह बाबू ने कहा- कंगना रनौत अब संसद की निर्वाचित सदस्य हैं। उनके निर्वाचन क्षेत्र के सिख समुदाय के सदस्यों ने भी उन्हें वोट दिया था। उन्हें संवेदनशील होना चाहिए।
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