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कैसे दे दी अनुमति? इंदौर के 200 साल पुराने मंदिर में शादी को लेकर बवाल, ADM ने जांच के दिए आदेश

मध्य प्रदेश के इंदौर में करीब 200 साल पुराने गोपाल मंदिर में एक शादी हुई। इसे लेकर अब बवाल मच गया है, जिसके बाद प्रशासन ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि शहर के राजबाड़ा क्षेत्र के उस गोपाल मंदिर में रविवार को एक विवाह समारोह आयोजित किया गया।

Sneha Baluni इंदौर। भाषाMon, 13 Jan 2025 01:59 PM
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मध्य प्रदेश के इंदौर में करीब 200 साल पुराने गोपाल मंदिर में एक शादी हुई। इसे लेकर अब बवाल मच गया है, जिसके बाद प्रशासन ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि शहर के राजबाड़ा क्षेत्र के उस गोपाल मंदिर में रविवार को एक विवाह समारोह आयोजित किया गया जिसका केंद्र सरकार की ‘स्मार्ट सिटी’ परियोजना के तहत करीब 13 करोड़ रुपये की लागत से पुनरुद्धार किया गया है।

चश्मदीदों के मुताबिक इस समारोह के लिए मंदिर परिसर में विशेष साज-सज्जा की गई और वैदिक पद्धति से शादी की रस्में अदा किए जाने के साथ ही मेहमानों के लिए भोज का इंतजाम भी किया गया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि भगवान कृष्ण के ऐतिहासिक मंदिर में इस आयोजन से आम भक्तों को दर्शन में परेशानी हुई और मंदिर परिसर के आस-पास यातायात बाधित हुआ।

मंदिर में विवाह समारोह के आयोजन की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से प्रसारित हो रही हैं। लोग तीखी नाराजगी जताते हुए सवाल कर रहे हैं कि शहर की ऐतिहासिक विरासत से जुड़े इस मंदिर में विवाह समारोह के आयोजन को मंजूरी आखिर कैसे दे दी गई? सोशल मीडिया पर एक कथित रसीद भी सामने आई है जिसमें इस मंदिर का प्रबंधन करने वाले ‘संस्थान श्री गोपाल मंदिर’ को इस विवाह समारोह के संबंध में राजकुमार अग्रवाल नाम के व्यक्ति द्वारा 25,551 रुपये चुकाए जाने का जिक्र है।

सरकारी सील वाली इस रसीद पर 29 जुलाई 2024 की तारीख लिखी है। अधिकारियों ने बताया कि गोपाल मंदिर में रविवार को हुए विवाह समारोह की जानकारी मिलने पर एक अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (एडीएम) को इस मामले की जांच का आदेश दिया गया है। ‘इंदौर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट लिमिटेड’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) दिव्यांक सिंह ने बताया कि 19वीं शताब्दी के होलकरकालीन गोपाल मंदिर का ‘स्मार्ट सिटी’ परियोजना के तहत पुनरुद्धार किया गया है और इसमें करीब 13 करोड़ रुपये की लागत आई है।

इतिहासकार जफर अंसारी ने बताया कि गोपाल मंदिर का निर्माण तत्कालीन होलकर राजवंश की राजमाता कृष्णा बाई होलकर ने वर्ष 1832 में 80,000 रुपये की लागत से कराया था। उन्होंने कहा, ‘गोपाल मंदिर होलकरों के राज के दौरान खासकर परमार्थ गतिविधियों का बड़ा केंद्र रहा था। इस मंदिर में विवाह समारोह का आयोजन बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे आयोजनों से इस ऐतिहासिक विरासत को नुकसान पहुंच सकता है।’

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