Hindi Newsमध्य प्रदेश न्यूज़Inspector duped of Rs 71 lakh, digital arrest for a month raised money by selling property

MP में BSF इंस्पेक्टर से 71 लाख की ठगी, महीने भर तक डिजिटल अरेस्ट रखा; संपत्ति बेच जुटाई रकम

  • बीएसएफ इंस्पेक्टर की बात सुनने के बाद पुलिस अधीक्षक ने साइबर क्राइम अधिकारी को बुलाकर अज्ञात ठगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया। जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी।

Sourabh Jain लाइव हिन्दुस्तान, ग्वालियर, मध्य प्रदेशTue, 7 Jan 2025 02:13 PM
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ग्वालियर शहर में डिजिटल अरेस्ट का अब तक का सबसे बड़ा मामला सामने आया है। वारदात के दौरान आरोपी ठगों ने बीएसएफ के इंस्पेक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर ना केवल उनसे 71 लाख रुपए ठग लिए, बल्कि मनीलॉन्ड्रिंग का डर दिखाकर उनको करीब महीनेभर तक डिजिटल अरेस्ट करके भी रखा।

आरोपियों से पीछा छुड़ाने के लिए पीड़ित इंस्पेक्टर ने अपनी सम्पत्तियां बेचकर रकम का इंतजाम किया। घरवालों से दूर अकेले रहने वाले इंस्पेक्टर को अपने साथ ठगी का अहसास तब हुआ जब उन्होंने अपने बेटे इस बारे में बताया। जिसके बाद बेटे के कहने पर इंस्पेक्टर ने इस मामले में पुलिस अधीक्षक से शिकायत की। इस मामले में साइबर क्राइम पुलिस ने अज्ञात ठगो के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

ठगी की यह वारदात ग्वालियर के टेकनपुर बीएसएफ में पदस्थ इंस्पेक्टर अवसार अहमद के साथ हुई। जिसके बाद उन्होंने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर एसएसपी धर्मवीर सिंह यादव से मुलाकात कर अपनी आपबीती सुनाई। उन्होंने बताया कि लगभग महीनेभर पहले उनके पास एक फोन कॉल आया था, जिसमें उनके मोबाइल का इस्तेमाल कर मनीलॉन्ड्रिंग होने की बात बोलकर डराया धमकाया गया।

इसके बाद वॉट्सएप पर वीडियो कॉल आया, जिसमें सामने से बात कर रहे ठग ने पुलिस अधिकारी बनकर बात करते हुए बताया कि आपका फोन टेप हो रहा है अगर किसी को इस बारे में बताया तो आपके बच्चों ओर परिवार के लोगों को अरेस्ट कर लिया जाएगा। बीएसएफ के अधिकारी टेकनपुर में अकेले रहते हैं इसलिए वह डर गए और फोन करने वालों की बात मानते चले गए।

इसके बाद उन्होंने आरोपियों के कहने पर लगभग 34 ट्रांजेक्शन में 71 लाख रुपए वीडियो कॉल करने वाले ठगों को दे दिए। इतनी रकम जुटाने के लिए पीड़ित इंस्पेक्टर ने ना केवल दिल्ली में स्थित अपना फ्लैट और अपनी जमीन बेच दी, बल्कि बैंक में जमा एफडी तुड़वाते हुए रकम जमा की। वह इतना सहम चुके थे कि लगातार एक महीने से ठगों के संपर्क में रहे और उनके कहे मुताबिक पैसे देते चले गए। इतना ही नहीं जब उन्होंने डिजिटल अरेस्ट का विरोध किया तो ठगों ने उन्हें यह कहकर डरा दिया कि उनके द्वारा ही सारे जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।

जब इस बात का पता अधिकारी के बेटे को चला तो उसने अपने पिता को ठगी के बारे समझाइश दी, जिसके बाद इंस्पेक्टर को उनके साथ हुई ठगी का अहसास हुआ। इसके बाद वे अपने बेटे के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे। फिलहाल पुलिस अधीक्षक ने बीएसएफ इंस्पेक्टर की बात को सुनने के बाद तत्काल साइबर क्राइम अधिकारी को बुलाकर अज्ञात ठगों के खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिया है। साइबर क्राइम पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद अज्ञात आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।

रिपोर्ट- अमित कुमार

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