Hindi Newsमध्य प्रदेश न्यूज़Girl student of Navodaya School committed suicide due to arts subject in MP

MP में नवोदय स्कूल की छात्रा ने दी जान, लिखा- ...तो आर्ट्स की जगह मैथ्स मिल जाता

  • छात्रा की स्कूल प्रिंसिपल का कहना है कि वह पढ़ने में होशियार थी और प्रशासनिक सेवा में जाना चाहती थी। कोई सोच भी नहीं सकता था कि वह ऐसा कदम उठा लेगी।

Sourabh Jain लाइव हिन्दुस्तान, खंडवा, मध्य प्रदेशFri, 22 Nov 2024 07:49 PM
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मध्य प्रदेश के खंडवा में स्थित नवोदय स्कूल में पढ़ने वाली 12वीं की एक छात्रा ने हॉस्टल की बाथरूप में फांसी लगाकर जान दे दी। घटना का पता उस वक्त चला जब स्कूल जाने से पहले छात्रा नहाने के लिए गई थी और काफी देर तक बाहर नहीं निकली। जिसके बाद उसकी सहेलियों ने दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

फिर हॉस्टल प्रबंधन को सूचना दी गई। इसके बाद दरवाजा तोड़कर देखा गया तो वह बाथरूम में फंदे पर लटकी मिली। छात्रा के पास मिले एक नोट के बाद पुलिस का कहना है कि छात्रा आर्ट्स विषय लेकर खुश नहीं थी और तनाव में थी, वहीं स्कूल प्रिंसिपल का कहना है कि मृतक IAS बनना चाहती थी।

मृत छात्रा का नाम सीमा देवड़ा (18) है, जो कि पंधाना के नवोदय स्कूल की छात्रा थी और 12वीं क्लास में पढ़ती थी। उसने सालभर पहले आर्ट्स विषय लेते हुए 11वीं क्लास में स्कूल में एडमिशन लिया था। वह हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रही थी। जहां गुरुवार सुबह उसने यह कदम उठा लिया।

पुलिस को छात्रा के पास कोई सुसाइड नोट तो नहीं मिला, लेकिन उसकी एक कॉपी मिली, जिसमें उसने लिखा था कि दसवीं में 90 प्रतिशत अंक आ जाते तो मैथ्स-साइंस विषय मिल जाता। नंबर अच्छे नहीं आए इसलिए आर्ट्स विषय लेना पड़ा।

सीमा बिजौरा भील गांव के रहने वाले आदिवासी परिवार से थी। उसके माता-पिता गांव में रहकर खेती करते हैं। जबकि वह अकेले रहते हुए पढ़ाई कर रही थी। उसका एक छोटा भाई भी है। सीमा ने बुरहानपुर में अपने मामा के घर रहते हुए 10वीं तक की पढ़ाई की थी। जब वह मामा के घर रहती थी तो अक्सर उनके बच्चों से कहती थी कि तुम्हारे पापा व तुम मेरे कारण परेशान रहते हो, मामा भी मेरा खर्च कब तक उठाएंगे। कब तक मामा पर बोझ बनकर रहूंगी।

उधर छात्रा की मौत को लेकर स्कूल प्रिंसिपल शर्मिला खान ने बताया कि वह पढ़ने में होशियार थी और स्कूल में पढ़ाई के दौरान कभी भी तनाव में नहीं रहती थी। वह IAS बनना चाहती थी। लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि वह ऐसा कदम उठा लेगी। प्राचार्य ने बताया कि वह दीपावली की छुट्टियों में बुरहानपुर अपने मामा के घर गई थी, जहां उसके माता-पिता मिलने नहीं आए। इस बात को लेकर जरूर वह थोड़ा उदास थी।

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