MP में भर्ती घोटाला मामले में 19 शिक्षकों पर FIR, 24 अज्ञात कर्मचारियों पर भी होगा मामला दर्ज
- शिकायतकर्ता रवींद्र मिश्रा द्वारा लगभग 7 वर्षों से शिक्षा विभाग के अधिकारियों के यहां आवेदन देकर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की जा रही थी लेकिन अधिकारी लगातार अपने विभाग के कर्मचारियों को बचाने का काम कर रहे थे।
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छतरपुर जिले के राजनगर में कोर्ट ने अतिथि शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़ा मामले में 19 नामजद शिक्षा अधिकारी और शिक्षकों के साथ ही करीब 24 अज्ञात कर्मचारियों के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। आरोपियों पर स्कूल एवं शिक्षा विभाग की मिली भगत से अपात्रों को अतिथि शिक्षक बनाने का आरोप है। इस मामले में साल 2017-18 में रविंद्र मिश्रा नाम के युवक ने कोर्ट में केस दायर किया था। कोर्ट के फैसले का बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है।
बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अमोध अग्रवाल ने शिक्षा विभाग 2017-18 से जुड़े इस मामले में संज्ञेय अपराध की धारा 420 के तहत मामला दर्ज करने का निर्देश थाना प्रभारी राजनगर को दिया। इस मामले में तत्कालीन विकासखंड शिक्षा अधिकारी राजनगर, तत्कालीन संकुल प्राचार्य कर्री सहित दोषी पाए गए सभी शिक्षकों के खिलाफ थाने में धारा 420 सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज करने के लिए कहा।
शिकायतकर्ता रवींद्र मिश्रा द्वारा लगभग 7 वर्षों से शिक्षा विभाग के अधिकारियों के यहां आवेदन देकर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की जा रही थी लेकिन अधिकारी लगातार अपने विभाग के कर्मचारियों को बचाने का काम कर रहे थे और मामूली कार्रवाई कर मामले को दबा रहे थे। जिसके बाद शिकायतकर्ता ने न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अमोध अग्रवाल के न्यायालय में केस करते हुए मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग की।
फैसला सुनाते हुए न्यायालय ने सभी नामजद दोषी लोक सेवकों के विरुद्ध 420 सहित कई धाराओं में मामला दर्ज करने के निर्देश दिया है और हर 30 दिन के अंदर मामले की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया है। साथ ही आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया कि इस बड़े फर्जीवाड़े में नामजद आरोपियों के अलावा भी कई अज्ञात शिक्षा अधिकारी और शिक्षक लोग शामिल है जिनके ऊपर भी जांच कर मामला पंजीबद्ध किया जाए।
राजनगर विकासखंड का यह अतिथि शिक्षक फर्जीवाड़ा घोटाला बहुचर्चित रहा है। लेकिन शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों के द्वारा लगातार इस गंभीर प्रकरण को दबाया गया, लेकिन लगभग 7 से 8 वर्ष तक चली न्यायिक लड़ाई के बाद शिकायतकर्ता रविंद्र मिश्रा ने अंततः न्यायालय के द्वारा सभी दोषी कर्मचारियों पर धोखाधड़ी, कूट रचित दस्तावेज धारा 420 के तहत कई धाराओं में मामला पंजीकृत करने का निर्देश थाना प्रभारी राजनगर को जारी किया जिससे समूचे शिक्षा विभाग में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है। इस मामले में और भी कई अन्य लोग शामिल है जिनकी जांच होने के बाद नाम उजागर किए जाएंगे।
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