MP में खाद न मिलने पर किसान ने किया बड़े फर्जीवाड़े का दावा, कुछ देर बाद हो गई मौत; क्यों भड़क उठी कांग्रेस
किसान ने कहा था, यहां बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा हो रहा है।महेंद्र भाईसाहब से निवेदन करता हूं कि आपने बहुत अच्छा किया, किसानों के लिए खाद मंगवाई।आपसे हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि इस खाद को नियम से बंटवाया जाए।
गुना में किसान के द्वारा वीडियो जारी कर आत्महत्या का मामले पर मध्य प्रदेश में जमकर सियासत गरमाई हुई है। वीडियो जारी किसान कह रहा है कि छोटा किसान हूं, मेरा कानून, सरकार से निवेदन है कि मेरे पास कम से कम जमीन है। मुझे एक भी दाना खाद का नहीं मिला।आजकल पांच-पांच साल, एक-एक साल के बच्चे का आधार कार्ड बन रहा है।अगर आधार कार्ड से खाद दिया जाएगा तो हमारे तो बस की ही नहीं है कि दो-दो बीघा वाले किसान उन कट्टों को खरीद लें। ये कहते हुए एक वीडियो सुबह गुना में झागर के रहने वाले किसान भागवत किरार ने सोशल मीडिया पर शेयर किया। कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई।
परिजन ने कहा है कि भागवत अक्सर बीमार रहता था। रात उसे सीने में दर्द हुआ, जिसके बाद अस्पताल ले गए। यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। वीडियो जारी करने के बाद मौत की बात सामने आते ही अधिकारी अलर्ट मोड में आ गए। आनन-फानन में अधिकारी झागर गांव पहुंचे। तब तक परिजन भागवत किरार का अंतिम संस्कार कर चुके थे।
अब मामले को कांग्रेस के सीनियर लीडर और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भागवत की मौत को खाद की किल्लत से जोड़ा है। उन्होंने X पर लिखा कि किसान ने वीडियो जारी कर खाद वितरण व्यवस्था में भारी गड़बड़ी और भ्रष्टाचार की बात कही थी। वहीं कांग्रेस नेता अरुण सुभाष यादव ने लिखा खाद न मिलने से परेशान किसान ने आत्महत्या कर ली।
भागवत ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर जो वीडियो पोस्ट किया, उसमें कहा सरकारी रेट 1350 का है।उनको वो खरीद लेते हैं। बाद में हमें तीन-तीन हजार का बेचते हैं।तहसीलदार, पटवारी खाद बेच रहे हैं।आधार से खाद देंगे, फिर किसान क्या करेंगे।यहां बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा हो रहा है।महेंद्र भाईसाहब से निवेदन करता हूं कि आपने बहुत अच्छा किया, किसानों के लिए खाद मंगवाई।आपसे हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि इस खाद को नियम से बंटवाया जाए।किसानों में भेदभाव न हो और आपसी लड़ाई न हो।
वही कमलनाथ ने किसान का वीडियो पोस्ट कर ट्वीट किया कि एमपी में तालिबानी शासन चल रहा है।सरकार नशे में मदमस्त होकर किसानों को रौंद रही है। बीजेपी सरकार पर खुलेआम भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के कुछ ही घंटे बाद ही किसान की मृत्यु की खबर कई सवालों और संदेहों को जन्म देती है। पोस्टमॉर्टम कराए बिना ही आनन-फानन में अंतिम संस्कार कर दिया गया। इससे मौत की असली वजह सामने नहीं आ सकी।कुछ लोग इसे दबी जुबान से खाद न मिलने से त्रस्त होकर किसान द्वारा आत्महत्या करने का मामला भी बता रहे हैं।
रिपोर्ट- अमित कुमार
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