Hindi Newsमध्य प्रदेश न्यूज़eow registered case against vice chancellor of jiwaji university gwalior and 19 others

फेक एडमिशन से वजीफा, कॉलेज को फर्जी मान्यता, जीवाजी यूनिवर्सिटी के कुलगुरू समेत 19 पर केस

मध्य प्रदेश के ग्वालियर स्थित जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलगुरू समेत 19 अन्य के खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में केस दर्ज किया गया है। जानें क्या हैं आरोप…

Krishna Bihari Singh लाइव हिन्दुस्तान, ग्वालियरMon, 13 Jan 2025 11:43 PM
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मध्य प्रदेश की जीवाजी यूनिवर्सिटी अक्सर सुर्खियों में बनी रहती है। ताजा मामला मौजूदा कुलगुरु अविनाश तिवारी से जुड़ा है। उन पर आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में एक आवेदक की शिकायत पर भ्रष्टाचार समेत विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। यह शिकायत दुर्गा कालोनी मुरार निवासी अरुण कुमार शर्मा ने आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में दी थी।

शिकायत में कहा गया था कि शिवशक्ति महाविघालय ग्राम झुंडपुरा तहसील सबलगढ़ जिला मुरैना में फर्जी कॉलेज संचालित किया जा रहा है। इसे संचालक रघुराज सिंह जादौन की ओर से चलाया जा रहा है। इसकी जांच आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ इकाई ग्वालियर ने की।

जांच में पाया गया कि शिवशक्ति महाविद्यालय के संचालक रघुराज सिंह जादौन ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर फेक डाक्यूमेंट तैयार कर कॉलेज की मान्यता ली। इसके लिए छात्रों का फर्जी प्रवेश दिखाया गया। यहां तक कि आरोपियों ने स्कॉलरशिप हासिल कर के शासन को आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाया।

जीवाजी विश्वविद्यालय की ओर से महाविद्यालय के निरीक्षण के लिए हर साल गठित जांच कमेटी के सदस्यों पर भी गंभीर आरोप लगे हैं। जांच में पाया गया कि कमेटी के सदस्यों ने लाभ प्राप्त कर झूठे आधार पर महाविद्यालय के फेक निरीक्षण प्रतिवेदन तैयार किए और महाविद्यालय की संबंद्धता लेने में सहयोग किया। इन लोगों के खिलाफ भी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का अपराध प्रमाणित पाया गया है।

जांच कमेटी के सदस्यों में डॉ. एपीएस चौहान, डॉ. एके हल्वे, डॉ. एसके गुप्ता, डॉ. एसके सिंह, डॉ सीपी शिन्दे, डॉ. आरए शर्मा, प्रोफेसर अविनाश तिवारी (मौजूदा कुलगुरू), डॉ. केएस ठाकुर (राजस्थान के बासवाड़ा के कुलगुरु), ज्योति प्रसाद, डॉ. नवनीत गरुड, डॉ. सपन पटेल, डॉ. एसके द्विवेदी, डॉ. हेमन्त शर्मा, डॉ. राधा तोमर, डॉ. आरपी पाण्डेय, डॉ. एमके गुप्ता, डॉ. निमिषा जादौन, डॉ सुरेश सचदेवा, डॉ मीना श्रीवास्तव शामिल थे।

जांच दल के सदस्यों के साथ अन्य के खिलाफ भादवि एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 संशोधित अधिनियम 2018 की धारा के अंतर्गत केस दर्ज किया गया है। शिकायत साल 2022 में की गई थी। शिकायत में कहा गया था कि इस नाम का कोई कॉलेज धरातल पर नहीं है। आरोपों की जांच में ईओडब्ल्यू की टीम ने पाया कि जांच दल की साठगांठ से कॉलेज संचालित हो रहा था।

रिपोर्ट- अमित गौर

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