बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 की मौत के बाद गुस्साए हाथियों के हमले में 2 लोगों की मौत, एक घायल
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हाथियों की मौत के बाद रिजर्व के पास शनिवार को तीन हाथियों ने दो लोगों को कुचल कर मार डाला। हमले में एक शख्स घायल हो गया। विस्तृत जानकारी के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट…
इस हफ्ते की शुरुआत में 3 दिनों के अंतराल में उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हाथियों की मौत के बाद टाइगर रिजर्व के पास शनिवार को तीन हाथियों ने दो लोगों की हत्या कर दी जबकि हमले में एक शख्स घायल हो गया। ऐसा माना जा रहा है कि ये हाथी उस झुंड का हिस्सा हैं, जिसके 10 सदस्य हाल ही में मारे गए थे। अधिकारियों ने बताया कि बीटीआर से करीब 10 किलोमीटर दूर देवरा गांव में रामरतन यादव (50) को हाथियों ने तब मार डाला, जब वह शौच के लिए गया था। इसके बाद तीनों हाथियों ने बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के बफर जोन के ब्राहे गांव में भैरव कोल (35) को मार डाला।
यही नहीं बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के ठीक बाहर बांका में मालू साहू (32) को हमला कर घायल कर दिया। अधिकारियों का कहना है कि शनिवार को सुबह उत्पात मचाने वाले तीन हाथी उस 13 सदस्यीय झुंड का हिस्सा हो सकते हैं, जिसके 10 सदस्य मारे जा चुके हैं। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (बीटीआर) के खितोली रेंज के सांखनी और बकेली में 10 हाथियों की मौत का मामला राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में रही है।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (बीटीआर) के खितोली रेंज के सांखनी और बकेली में 29 अक्टूबर को चार जंगली हाथी मृत पाए गए थे, जबकि 30 अक्टूबर को चार और 31 अक्टूबर को दो की मौत हो गई थी। अधिकारियों की मानें तो इन हाथियों की मौत जहरीला पदार्थ खाने से हुई थी। यह पूछे जाने पर कि क्या तीनों हाथी पीड़ित झुंड का हिस्सा हैं, उमरिया प्रभागीय वन अधिकारी विवेक सिंह ने कहा कि हाथियों पर नजर रखी जा रही है। इन हाथियों की पहचान के बारे में कोई भी अंतिम निर्णय निगरानी प्रक्रिया से आंकड़े जमा करने के बाद ही आएगा।
एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि यह हाथियों के झुंड के बचे साथियों का बदला भी हो सकता है। झुंड के तीन जीवित हाथी उस जगह से 15 किलोमीटर के दायरे में घूम रहे थे, जहां 10 हाथी मरे थे। 10 हाथियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनके पेट में भारी मात्रा में कोदो बाजरा के साथ-साथ विषाक्ता की ओर इशारा किया गया है। नमूनों के साथ-साथ विसरा, लीवर, किडनी आदि सैंपल यूपी के बरेली के इज्जतनगर में आईसीएआर-भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान और सागर में एमपी फोरेंसिक प्रयोगशाला में भेजा जा रहा है ताकि मौतों की वजह सामने आ सके।
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