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‘गंदे और डबल मीनिंग जोक सुनाते हैं सीनियर डॉक्टर’, MP हाईकोर्ट पहुंच गई महिला नर्सिंग ऑफिसर

मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिला अस्पताल की महिला नर्सिंग ऑफिसर ने दो सीनियर डॉक्टरों पर गंदी बातें करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को इन आरोपोंं की जांच और कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, ग्वालियरFri, 7 Feb 2025 07:59 PM
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‘गंदे और डबल मीनिंग जोक सुनाते हैं सीनियर डॉक्टर’, MP हाईकोर्ट पहुंच गई महिला नर्सिंग ऑफिसर

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में जिला अस्पताल की महिला नर्सिंग ऑफिसर ने दो सीनियर डॉक्टरों पर गंदी बात के गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला नर्सिंग ऑफिसर का आरोप है कि अस्पताल के दो डॉक्टर उन्हें डबल मीनिंग और आपत्तिजनक चुटकुले सुनाते हैं।

पीड़ित महिला नर्सिंग ऑफिसर द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई है कि आला अधिकारियों ने डॉक्टरों पर कार्रवाई करने के बजाय महिला नर्सिंग ऑफिसर को ही पद से मुक्त कर जनरल ड्यूटी नर्स बना दिया। आखिरकार, पीड़ित महिला नर्सिंग ऑफिसर ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट ने मामले को गंभीर मनाते हुए स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को जमकर फटकार लगाई और पीड़ित महिला नर्सिंग ऑफिसर को नर्सिंग ऑफिसर के पद पर बहाल भी कराया। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने इस मामले में कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न कमेटी से इसकी तत्काल जांच करवाकर कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए गए।

महिला नर्सिंग ऑफिसर के द्वारा यह बताया गया कि सीनियर डॉक्टरों के द्वारा डबल मीनिंग आपत्तिजनक जोक (चुटकुले) सुनाए जाते हैं। महिला नर्सिंग ऑफिसर के द्वारा यह भी आरोप लगाया गया कि ड्यूटी के दौरान कई बार उनके साथ बेड टच भी करते हैं। रात में मोबाइल पर गाने और आपत्तिजनक मैसेज भेजते हैं। महिला नर्सिंग ऑफिसर ने जब उसकी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से की तो अधिकारियों ने डॉक्टरों को बचाने के लिए उल्टा पीड़िता को ही नर्सिंग ऑफिसर के पद से हटाकर उसे जनरल ड्यूटी नर्स बना दिया।

इसके बाद पीड़ित महिला नर्सिंग ऑफिसर के द्वारा महिला आयोग व अन्य जगह भी इस की शिकायत की गई, जब वहां भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई तब उसके द्वारा आखिरकार हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया। हाईकोर्ट के द्वारा पीड़ित महिला नर्सिंग ऑफिसर के द्वारा जो सबूत पेश किए गए उस आधार पर अफसरों को कड़ी फटकार लगाई गई। हाईकोर्ट के द्वारा यह भी निर्देश दिए गए कि पीड़िता को तत्काल मेडिकल ऑफिसर पद पर बहाल किया जाए। इसके साथ ही इस मामले में यौन उत्पीड़न कमेटी से निष्पक्ष जांच कर तत्काल कार्रवाई करने की भी निर्देश दिए गए हैं।

रिपोर्ट : अमित कुमार

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