MP की इस यूनिवर्सिटी का बड़ा फैसला, डिग्री-मार्कशीट पर इंडिया की जगह लिखेगा भारत; बताई वजह
मध्यप्रदेश सरकार के इंदौर स्थित देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) ने शुक्रवार को अहम प्रस्ताव पारित किया है। जिसके अनुसार, अब यूनिवर्सिटी देश के नाम के तौर पर हिन्दी और अंग्रेजी, दोनों भाषाओं में केवल 'भारत' शब्द का इस्तेमाल करेगी।
मध्यप्रदेश सरकार के इंदौर स्थित देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) ने शुक्रवार को अहम प्रस्ताव पारित किया है। जिसके अनुसार, अब यूनिवर्सिटी देश के नाम के तौर पर हिन्दी और अंग्रेजी, दोनों भाषाओं में केवल 'भारत' शब्द का इस्तेमाल करेगी। डीएवीवी के कुलगुरु डॉ. राकेश सिंघई ने पीटीआई को बताया कि कार्यपरिषद की बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया कि विश्वविद्यालय अपने सभी आधिकारिक दस्तावेजों, डिग्रियों, मार्कशीट, देश-विदेश में होने वाले पत्र व्यवहार और रोजमर्रा के कामकाज में केवल 'भारत' शब्द का इस्तेमाल करेगा।
सिंघई ने कहा कि यह प्रस्ताव 'एक राष्ट्र, एक नाम-भारत' की अवधारणा के तहत डीएवीवी की कार्यपरिषद के एक सदस्य ने पेश किया जिसे ताली बजाकर पारित किया गया। उन्होंने कहा कि डीएवीवी इस तरह का प्रस्ताव पारित करने वाला संभवतः देश की पहली यूनिवर्सिटी है। राज्य सरकार के 1964 में स्थापित विश्वविद्यालय के कुलगुरु ने कहा, 'प्राचीन काल से हमारे देश का नाम भारत ही चला आ रहा है। देश को ‘इंडिया’ नाम अंग्रेजों ने उनकी सुविधा के अनुसार दिया था। हमें हर जगह अपने देश का मूल नाम भारत ही इस्तेमाल करना चाहिए।'
सिंघई ने बताया कि वह अपने विजिटिंग कार्ड पर हिन्दी और अंग्रेजी, दोनों भाषाओं में देश के नाम के तौर पर 'भारत' शब्द का इस्तेमाल लंबे समय से करते आ रहे हैं। वहीं विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति ने बताया कि काफी समय सं हिंदी को बढ़ावा देने के लिए काम हो रहे थे। यह फैसला हिंदी को बढ़ावा देने के मकसद से लिया गया है।
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