‘भोपाल के बाद इंदौर से हटाएंगे BRTS, यातायात होगा बेहतर’, सीएम मोहन यादव की बड़ी घोषणा; VIDEO
- सीएम यादव ने कहा कि BRTS के अलावा इंदौर के चौराहों पर यातायात सुगम बनाने के लिए अन्य कदम भी उठाए जाएंगे। इसके लिए ब्रिज बनाए जाएंगे। शहर के यातायात को बेहतर बनाने के लिए सरकार पूरी कोशिश कर रही है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गुरुवार को बड़ी घोषणा करते हुए राजधानी भोपाल की तरह इंदौर से भी BRTS (बस रेपिड ट्रांजिट सिस्टम) हटाने की बात कही। उन्होंने बताया कि इससे शहर के यातायात को सुगम बनाने बहुत मदद मिलेगी। उनके मुताबिक जरूरत पड़ने पर इसके लिए अदालत में भी पक्ष रखा जाएगा। साथ ही यादव ने कहा कि शहर के यातायात को बेहतर बनाने के लिए और भी कई और कदम भी उठाए जाएंगे।
सीएम ने ये बातें गुरुवार को इंदौर एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करने के दौरान कही। उन्होंने कहा, भोपाल में बीआरटीएस हटाने से शहर की यातायात व्यवस्था बेहतर हुई है और लोगों को काफी राहत मिली है। इंदौर में भी लगातार जनप्रतिनिधियों और लोगों से बीआरटीएस हटाने को लेकर सुझाव मिल रहे हैं। विकास को लेकर हुई पिछली दो बैठकों में भी यह मुद्दा उठा था। ऐसे में जो भी तरीका लगाना पड़ेगा हम उसे लगाकर इंदौर के बीआरटीएस को हटाएंगे। इसके लिए सरकार सक्षम अदालत के समक्ष अपना पक्ष भी रखेगी।
यादव ने कहा कि बीआरटीएस के अलावा इंदौर के चौराहों पर यातायात सुगम बनाने के लिए अन्य कदम भी उठाए जाएंगे। इसके लिए ब्रिज इत्यादि भी बनाए जाएंगे। सरकार इस महानगर की यातायात व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए पूरा प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा, 'यहां के अधिकतर चौराहों पर जो यातायात की समस्या आ रही है, तो वहां पर हम ब्रिज बनाकर इस समस्या का समाधान करेंगे। जब वहां ब्रिज बनाएंगे तब भी वहां से बीआरटीएस हटाना ही पड़ेगा। इसलिए कुल मिलाकर आने वाले समय में इंदौर का यातायात सुगम हो, आने-जाने की सुविधा हो, लोगों को कष्ट ना हो, यह हम सबकी जवाबदारी है। सब लोगों को परेशानी को देखते हुए हमने यह निर्णय लिया है, उम्मीद है इसके सकारात्मक परिणाम आएंगे।'
बता दें कि इंदौर और भोपाल में सार्वजनिक परिवहन प्रणाली (बस परिवहन) को बेहतर बनाने के उद्देश्य से पब्लिक ट्रांसपोर्ट से जुड़ी बसों के आवागमन लिए सड़कों के बीचोंबीच एक विशेष कॉरिडोर (गलियारा) बनाया गया था, जिस पर सिर्फ इन विशेष बसों को ही चलने की अनुमति दी गई थी। कुछ साल पहले अस्तित्व में आई इस परियोजना का उस समय भी अनेक जनप्रतिनिधियों ने विरोध किया था। दोनों ही शहरों में करोड़ों रुपए खर्च करके ये बीआरटीएस बने थे।
मोहन यादव ने मुख्यमंत्री पद संभालने के कुछ समय बाद ही भोपाल में बीआरटीएस हटाने की घोषणा की थी और इस पर प्रशासन ने अमल करते हुए कुछ ही महीनों में बीआरटीएस के तहत बनाए गए विशेष कॉरिडोर हटा दिए। इस वजह से सड़कें चौड़ी हो गईं और वाहनों के संचालन के लिए अधिक जगह मिलने लगी। इसके बाद से इंदौर में भी लगातार बीआरटीएस हटाने की मांग की जा रही है।
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