MP में चीतों के सामने 'शेर' बनने वाले की नौकरी गई, पानी पिलाने वाले पर क्यों ऐक्शन
मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क के एक वीडियो वायरल होने के बाद एक चीता मित्र को नौकरी से निकाल दिया गया है। वायरल वीडियो में चीता मित्र चीतों को काफी नजदीक से पानी पिला रहा है।

मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में चीतों को बेहद नजदीक से पानी पिलाकर खुद को ‘शेर’ दिखाने वाले शख्स पर ऐक्शन हो गया है। उसे अपनी नौकरी गंवानी पड़ गई है। वायरल हुए वीडियो में दिख रहा शख्स सत्यनारायण गुर्जर है जो कूनो नेशनल पार्क में चीता मित्र के रूप में नियुक्त था। वह वन विभाग में ड्राइवर के रूप में काम कर रहा था। हाल ही में चीतों को आवाज देकर बुलाने और बेहद करीब से उन्हें पानी पिलाने की घटना का वीडियो वायरल हो गया था।
अधिकारियों का कहना है कि वन्य जीव के साथ इस प्रकार का संपर्क नियमों के खिलाफ है। वायरल वीडियो में कूनो नेशनल पार्क की निगरानी टीम का एक सदस्य चीतों को पतीले में पानी पिलाता नजर आ रहा है। वीडियो में चीता मित्र COME COME बोलकर चीतों को बुलाता है। इसके बाद सभी चीते उसके पास आकर पानी पीने लगते हैं। यह वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वन विभाग में हड़कंप मच गया।
शुरू में आरोपी चीता मित्र चीतों के करीब जाने में हिचकिचाता नजर आता है, लेकिन उसके पीछे खड़े लोग, जिसमें वीडियो शूट करने वाला भी शामिल है, उससे चीतों को पानी पिलाने की बात कह रहे हैं। सूत्रों की मानें तो दोनों वीडियो उमरीकला गांव के पास शूट किए गए थे। मौजूदा वक्त कूनो पार्क में 11 शावकों सहित 17 चीते घूम रहे हैं। वहीं नौ बाड़ों में मौजूद हैं।
वन विभाग ने वायरल वीडियो पर फौरन ऐक्शन लिया है। वन विभाग ने त्वरित कार्यवाही करते हुए ड्राइवर सत्यनारायण गुर्जर को नियमों का उल्लंघन करने के कारण नौकरी से हटा दिया है। वन विभाग का कहना है कि यह वन्य जीव संरक्षण और सुरक्षा के नियमों के खिलाफ है। वन्य जीव के साथ किसी भी तरह का इंटरेक्शन प्रतिबंधित है। भले ही यह काम मानवीय उद्देश्य से किया गया था, लेकिन नियमों के उल्लंघन के कारण यह बड़ा मुद्दा बन गया है।
यही नहीं वन विभाग इस मामले की गहरी जांच कर रहा है। अन्य अधिकारियों पर भी कार्रवाई की संभावना है। बता दें कि कूनो नेशनल पार्क में चीते विदेश से लाए गए हैं। पार्क में उनका संरक्षण किया जा रहा है। यह पार्क वन्य जीवों की संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है। पार्क में वन्य जीवों के साथ किसी भी प्रकार के संपर्क को प्रतिबंधित किया गया है। विशेषज्ञ का मानना है कि चीते की प्रजाति संवेदनशील है। इनसे जुड़े नियमों का उल्लंघन उनके लिए नुकसानदायक हो सकता है।
(रिपोर्ट- अमित कुमार, पीटीआई-भाषा का इनपुट भी शामिल)
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