मुस्लिम दुकानदारों को वापस जाने को कहा गया, MP में लगे स्वदेशी मेले में धार्मिक भेदभाव का आरोप
- दमोह में जारी स्वदेशी मेले में दुकान लगाने वाले मुस्लिम लोगों को हटाए जाने का मामला सामने आया है। उनका कहना है कि अनुमति देने के बाद हमें वापस जाने के लिए कहा गया है और जमा की गई राशि भी वापस नहीं दे रहे हैं।
मध्यप्रदेश के दमोह में चल रहे स्वदेशी मेले के आयोजक उस विवादों में आ गए, जब मंगलवार को एक खास समुदाय के लोगों ने उन पर आरोप लगाया कि आयोजकों ने अचानक उन्हें उनकी दुकानें बंद करके चले जाने को कहा है। हालांकि आयोजकों ने ऐसी किसी भी बात से इनकार किया है। उधर इस मामले में कलेक्टर ने जांच का आश्वासन दिया है।
स्वदेशी मेला 14 नवंबर से दमोह के तहसील मैदान में चल रहा है। आगरा से यहां आकर स्टॉल लगाने वाले मोहम्मद राशिद ने मीडिया को बताया कि, 'हमें मेले में आमंत्रित किया गया था और हम पांच दिन पहले यहां पहुंचे। हमने तीन से चार दिन पहले अपनी दुकानें लगाईं, लेकिन किसी ने कुछ नहीं कहा। रविवार को कुछ आयोजक आए और उन्होंने हमें बताया कि एक विशेष समुदाय के लोगों को स्टॉल लगाने की अनुमति नहीं है।’
उन्होंने आगे दावा किया कि आयोजकों ने उन्हें अपना सामान समेटकर चले जाने को कहा है। राशिद ने आगे दावा किया, ‘मेले से कम से कम आठ से 10 दुकानदारों को हटा दिया गया है।’ बता दें कि मेले का आयोजन स्वदेशी मेला संस्था द्वारा किया जाता है, जो सामाजिक क्षेत्र में काम करती है।
इस मामले को लेकर सागर से आए एक कालीन दुकानदार ने बताया, 'ये मेले में स्टॉल लगाने वाले मुसलमान दुकानदारों की दुकानें बंद करवा रहे हैं। संघ के लोगों ने कहा दुकानें बंद कर दो, हमने बंद कर दी। यहां लगभग 15-20 मुस्लिम लोगों की दुकानें थीं। जो पैसा जमा किया था उसे वापस करने का बोला है।'
कश्मीर के एक दुकानदार शाहिद बैग ने कहा, 'हमें यहां से जाने को कहा गया है। केवल मुस्लिम दुकानदारों को जाने के लिए कहा गया है। दो ही दिन दुकान लगाए को हुए थे, अब वापस जाएंगे।'
लखनऊ से आए एक पैंट-शर्ट के दुकानदार ने कहा, 'बजरंग दल के कुछ लोग आए थे कहा कि यहां मुस्लिम दुकान नहीं लगाएंगे। हमसे कहा गया है, दुकान बंद करके यहां से चले जाओ। पैसा तो वापस नहीं दिया, लेकिन हमसे कहा गया है कि अन्य किसी जगह मेला लगेगा तो आपको स्टॉल में डिस्काउंट दिलवा देंगे।'
उधर स्वदेशी मेला के सह-आयोजक श्रीराम पटेल ने आरोपों से इनकार किया। उन्होंने कहा, ‘मेले में ऐसी कोई घटना नहीं हुई। आयोजकों ने किसी को भी अपनी दुकानें हटाने का निर्देश नहीं दिया है।’
पटेल के अनुसार, स्टॉल एक वेंडर के माध्यम से लगाए गए थे, जिसने उन्हें दूसरे मेले में जाने को कहा है। उन्होंने कहा, ‘यह उनकी खुद की मर्जी है। हम इस मुद्दे पर उनसे कुछ नहीं कह सकते।’
उधर दमोह जिलाधिकारी सुधीर कोचर ने कहा कि हमें इस बारे में अबतक कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है। उन्होंने कहा, ‘यह मेला स्वदेशी मेला संस्था द्वारा आयोजित किया जाता है। यह उनकी मर्जी है कि वे स्टॉल लगाने की अनुमति दें या नहीं। हालांकि, हम मामले की जांच करवाएंगे।’
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।