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सीवान लोकसभा सीट: सीवान में दो महिला उम्मीदवारों के बीच कड़ी टक्कर की संभावना

सीवान लोकसभा क्षेत्र से तीसरी बार राजद से हीना शहाब चुनावी अखाड़े में कूदी हैं। तिहाड़ में बंद पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन की सजा के बाद राजद ने हीना शहाब को सीवान से पहली बार वर्ष 2009 में और दूसरी बार...

सीवान | मनोज कुमार Fri, 26 April 2019 08:43 AM
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सीवान लोकसभा सीट: सीवान में दो महिला उम्मीदवारों के बीच कड़ी टक्कर की संभावना

सीवान लोकसभा क्षेत्र से तीसरी बार राजद से हीना शहाब चुनावी अखाड़े में कूदी हैं। तिहाड़ में बंद पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन की सजा के बाद राजद ने हीना शहाब को सीवान से पहली बार वर्ष 2009 में और दूसरी बार 2014 में टिकट दिया। दोनों ही बार हीना शहाब वर्तमान सांसद ओमप्रकाश यादव से हार का सामना करना पड़ा। इस बार फिर राजद प्रत्याशी के रूप में हीना शहाब चुनाव मैदान में कूदी हैं। मुकाबला दरौंदा की जदयू विधायक कविता सिंह के साथ है, क्योंकि सीवान सीट जदयू के खाते में जाने से वर्तमान सांसद ओमप्रकाश यादव टिकट से बेदखल हो गए हैं। ऐसे में शहाबुद्दीन की गैरमौजूदगी में चुनाव लड़ रही पत्नी हीना शहाब की इस बार अग्नि परीक्षा है। इस सीट पर दो प्रमुख दलों ने महिला उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारकर मुकाबला रोचक बना दिया है। दोनों महिला उम्मीदवार सुबह से शाम तक वोटरों का दरवाजा खटखटा रही हैं। बिहार के हॉट सीटों में एक सीवान में महिला उम्मीदवारों के बीच हो रहे रोचक मुकाबले के 23 मई के परिणाम पर सबकी नजरें टिकीं हैं। 

जेल में रहकर भी नहीं हारे शहाबुद्दीन
सीवान से चार बार सांसद रहे मो. शहाबुद्दीन को कभी हार का सामना नहीं करना पड़ा। जेल में रहते हुए भी उन्होंने वर्ष 2004 में लोस चुनाव में जीत दर्ज की थी। वर्ष 1996 में पहली बार संसद के दरवाजे पर पहुंचने वाले मो. शहाबुद्दीन को सीवान की जनता ने लगातार चार दफा सांसद बनाया। इससे पहले मो. शहाबुद्दीन जीरादेई से दो बार विधायक चुने गये। वर्ष 90 में जेल में रहते हुए जीरादेई से विधायक बने। इसके बाद वर्ष 95 में जनता दल के टिकट पर फिर जीरादेई से चुने गये। हालांकि सीवान से चार बार सांसद बनने का सौभाग्य कांग्रेस के मो. यूसूफ को भी प्राप्त है। 

84 के बाद कांग्रेस का सफाया
सीवान से चार बार कांग्रेस से सांसद रहे मो. यूसूफ के बाद अब्दुल गफूर के 84 में जीत हासिल करने बाद कांग्रेस का सफाया हो गया। वर्ष 89 के लोस चुनाव में बीजेपी के जनार्दन तिवारी ने उन्हें हराया था। इसके बाद कांग्रेस ने वर्ष 2014 के चुनाव तक जीत का स्वाद नहीं चखा। हालांकि सबसे अधिक छह बार कांग्रेस ने जीत दर्ज कर रिकार्ड बनाया जिसे कोई दल नहीं तोड़ पाया है। वर्ष 1957 में पहली बार सीवान लोस के चुनाव में कांग्रेस के झूलन सिंह पहले सांसद के रुप में चुने गये थे। 

एनडीए व महागठबंधन में जंग
बीजेपी के सांसद ओमप्रकाश यादव के टिकट कटने के बाद जदयू(एनडीए) से मैदान में उतरीं दरौंदा की विधायक कविता सिंह व राजद(महागठबंधन) की हीना शहाब के बीच मुख्य मुकाबला होना लगभग तय है। हीना शहाब को जहां माय समीकरण के अलावा कुशवाहा, मल्लाह व दलितों के वोट बैंक के सहारे जीत की उम्मीद है। वहीं कविता सिंह को सवर्ण जाति के अलावा वैश्य, अतिपिछड़ी व दलित जाति के साथ मोदी लहर पर भरोसा है। इधर माले प्रत्याशी अमरनाथ यादव द्वारा त्रिकोणीय मुकाबले का दावा किया जा रहा है।

वर्तमान सांसद : ओम प्रकाश यादव
निर्दलीय जीत हासिल कर दलों को चौंका दिया था

वर्ष 2004 में जदयू से किस्मत आजमाने वाले वर्तमान सांसद ओमप्रकाश यादव ने शहाबुद्दीन से अपनी हार का बदला उनकी पत्नी हीना शहाब को 2009 के चुनाव में पराजित करके लिया। वर्ष 09 में निर्दलीय जीत हासिल करके ओमप्रकाश यादव ने पूरे देश को चकित कर दिया था। इसी का परिणाम था कि बीजेपी ने 2014 में लोस का टिकट ओमप्रकाश यादव को दिया और उन्होंने पुन: जीत दर्ज की।

कौन जीते कौन हारे 
2014 

जीते: ओमप्रकाश यादव, 372670
हारीं: हीना शहाब, 258823

2009
जीते: ओमप्रकाश यादव, 236194
हारीं: हीना शहाब, 172764

2004
जीते: मो. शहाबुद्दीन, 317511
हारे: ओमप्रकाश यादव, 213933

1999
जीते: मो. शहाबुद्दीन, 385069 
हारे: अमरनाथ यादव, 255229

कुल मतदाता 1793688
पुरुष मतदाता 938539
महिला मतदाता 855096
थर्ड जेंडर  53
12 मई को चुनाव  छठे चरण में
1787 मतदान केंद्र

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