Hindi Newsलोकसभा चुनाव 2019 न्यूज़Rmapati Ram Tripathi won Election from Deoria first time reached Loksabha

रमापति राम त्रिपाठी 2.46 लाख से जीतकर पहली बार संसद पहुंचे

भाजपा के डा रमापति राम त्रिपाठी देवरिया के सांसद चुने गए। उन्होंने 57.17 फीसदी मत प्राप्त कर बसपा के प्रत्याशी बिनोद जायसवाल को 2,46,481 मतों के भारी अंतर से हराया। इस सीट पर तीसरे स्थान पर रहे...

कार्यालय संवाददाता देवरियाFri, 24 May 2019 11:22 PM
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भाजपा के डा रमापति राम त्रिपाठी देवरिया के सांसद चुने गए। उन्होंने 57.17 फीसदी मत प्राप्त कर बसपा के प्रत्याशी बिनोद जायसवाल को 2,46,481 मतों के भारी अंतर से हराया। इस सीट पर तीसरे स्थान पर रहे कांग्रेस के नियाज अहमद समेत अन्य सभी नौ दावेदारों की जमानत जब्त हो गई है। 

शहर के महाराजा अग्रसेन इंका में सुबह आठ बजे से मतगणना शुरू हुई। पोस्टल बैलेट की गणना समाप्त होने के बाद ईवीएम में पड़े मत गिने गए। पोस्टल बैलेट की मतगणना से ही भाजपा प्रत्याशी डा रमापति राम त्रिपाठी को बढ़त मिलने लगी। लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली जिले की देवरिया सदर, रामपुर कारखाना और पथरदेवा विधानसभा के साथ ही कुशीनगर जिले की तमकुहींराज तथा फाजिलनगर में भी हर चक्र में उन्हें बढ़त मिलती गई। उन्हें सभी चरणों में 55 फीसदी से अधिक मत मिले। उन्हें कुल 5,75,515 मत मिले जबकि दूसरे स्थान पर रहे बसपा प्रत्याशी बिनोद जायसवाल 3,28,634 मत ही हासिल कर सके। बिनोद जायसवाल को कुल 32.64 फीसदी ही मत मिले। तीसरे स्थान पर रहे कांग्रेस के नियाज अहमद जमानत के लिए जरूरी छ फीसदी से भी कम 50,809 मत मिला।

नियाज के अलावा भारतीय आवाम पार्टी के इसरार अहमद, समाजवादी समाज पार्टी के ओंकार सिंह, राष्ट्रीय ओलेमा काउंसिल के चंदन कुमार, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के जितेंद्र, पीस पार्टी के बिरजा, मनुवादी पार्टी के मनोज कुमार मिश्र और निर्दलीय ब्रजेंद्र मणि तथा रामाशीष राय एक फीसदी भी मत नहीं हासिल कर सके। 1.32% फीसदी लोगों ने नोटा दबाया। गठबंधन की तरफ से यह सीट बसपा के खाते में थी। 2009 में देवरिया के सांसद रहे गोरख प्रसाद जायसवाल के दामाद विनोद को मैदान में उतारा जबकि कांग्रेस ने बसपा के बागी नियाज अहमद पर दांव लगाया। दोनों रमापति राम त्रिपाठी को टक्कर देने में विफल रहे।

69 वर्षीय डॉ. रमापति राम त्रिपाठी आयुर्वेद से स्नातक। डॉ. रमापति राम त्रिपाठी को भाजपा में मूल रूप से संगठन का व्यक्ति माना जाता है। गोरखपुर जिले के झुरिया गांव के रहने वाले डॉ. त्रिपाठी ने संघ के प्रचारक के रूप में काम शुरू किया। बाद में भाजपा की राजनीति में सक्रिय हो गए। 1993 में उन्होंने कौड़ीराम विधानसभा क्षेत्र से दल के टिकट पर पहला चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। उसके बाद वह संगठन का कार्य करते रहे। गोरखपुर के जिलाध्यक्ष, विभाग संगठन मंत्री के रूप में 11 वर्षो तक कार्य करने के बाद उन्हें 1995 में प्रदेश महासचिव बनाया गया। इस बीच उन्हें पार्टी ने 2000-12 तक विधान परिषद में भेजा। 2007 में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने। इस पद पर वे 2010 तक रहे। 2012 में पार्टी ने सिसवा विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया, लेकिन इस चुनाव में भी इन्हें हार मिली। महाराष्ट्र के सहप्रभारी, झारखंड के प्रभारी के रूप में भी कार्य किया। राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य के साथ 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए प्रदेश में बनी चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक रहे। 

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