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Lok sabha Result 2019: उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री पद के लिए लामबंदी तेज 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्तर से मंत्रि परिषद विस्तार को हरी झंडी दे दिए जाने के बाद भाजपा के विधायकों व विधान परिषद सदस्यों ने लामबंदी तेज कर दी है। सरकार के तीन मंत्रियों के सांसद चुन लिए जाने...

प्रमुख संवाददाता लखनऊ। Sun, 26 May 2019 11:47 AM
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Lok sabha Result 2019: उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री पद के लिए लामबंदी तेज 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्तर से मंत्रि परिषद विस्तार को हरी झंडी दे दिए जाने के बाद भाजपा के विधायकों व विधान परिषद सदस्यों ने लामबंदी तेज कर दी है। सरकार के तीन मंत्रियों के सांसद चुन लिए जाने और ओम प्रकाश राजभर की मंत्रिमंडल से बर्खास्तगी के बाद शीघ्र मंत्रि परिषद विस्तार की संभावना है। यह विस्तार वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा, क्योंकि इसी टीम से प्रदेश सरकार को जन आकांक्षाएं पूरी करके चुनाव में जाना होगा। 

प्रदेश सरकार के चार मंत्रियों को भाजपा ने इस बार लोकसभा चुनाव में उतार दिया था। इनमें से केवल एक मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा चुनाव हार गए, शेष तीन कैबिनेट मंत्रियों ने चुनाव में जीत दर्ज की। पूरी संभावना है कि सांसद चुने जाने वाले तीनों मंत्री परिषद से इस्तीफा देंगे। कानपुर से चुनाव जीतने वाले सत्यदेव पचौरी सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग विभाग के मंत्री हैं तो इलाहाबाद सीट से चुनाव जीतने वाली डॉ. रीता बहुगुणा जोशी के पास पर्यटन व महिला कल्याण विभाग है। 

इसी तरह आगरा से चुनाव जीतने वाले डॉ. एसपी सिंह बघेल पशुधन मंत्री हैं। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के पास पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग था। उनकी बर्खास्तगी के बाद यह विभाग राज्यमंत्री अनिल राजभर को सौंप दिया गया है। चुनाव परिणाम आने के बाद भाजपा के प्रदेश मुख्यालय पर पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि वह जल्द ही मंत्रि परिषद का विस्तार करेंगे। इससे पहले लंबे समय से मंत्रि परिषद विस्तार की अटकलें ही लगाई जा रही थीं। 

विधान परिषद की रिक्त सीटों पर संगठन के कुछ अहम पदाधिकारियों का चुनाव हो जाने के बाद उन्हें भी मंत्रिपरिषद में शामिल किए जाने संभावना जताई जा रही थी। इसके अलावा क्षेत्रीय व जातीय संतुलन की दृष्टि से भी मंत्रि परिषद में फेरबदल की संभावना है। प्रदर्शन के आधार पर कुछ मंत्रियों को हटाए जाने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा रहा है। 

इसी तरह कुछ मंत्री उम्र व स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों के कारण हटाए जा सकते हैं तो कुछ अच्छे प्रदर्शन के आधार पर प्रोन्नत होकर कैबिनेट मंत्री हो सकते हैं। वैसे यह विस्तार केंद्र में मोदी सरकार के शपथ ग्रहण और उनकी परिषद के गठन के बाद ही होगा। इस बीच विधायकों ने मुख्यमंत्री और पार्टी के प्रभावशाली नेताओं के सामने अपनी दावेदारी पेश करने के लिए लामबंदी शुरू कर दी है। कुछ विधायक क्षेत्रीय संतुलन के नाम पर दावेदारी कर रहे हैं तो कुछ जातीय संतुलन के बहाने से अपनी गोट बिछाने में लगे हैं। 

उप चुनाव में टिकटों के लिए दावेदारी
लोकसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद प्रदेश की 11 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव की संभावना भी बढ़ गई है। इन 11 सीटों में से 8 सीटों पर तो भाजपा का ही कब्जा है, जबकि एक-एक सीट सपा, बसपा व अपना दल (सोनेलाल) के पास है। नियमों के अनुसार  चुनाव आयोग को छह महीने के भीतर इन सीटों पर उपचुनाव  कराना होगा। इन सीटों पर उप चुनाव की स्थिति में पार्टी के नेता विधायक का टिकट हासिल करने की जुगत बिठा रहे हैं।  
 

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