Hindi Newsलोकसभा चुनाव 2019 न्यूज़After formation of Jharkhand Congress will put candidate for the first time in palamau district of jharkhand Lok Sabha elections 2019

लोकसभा चुनाव 2019: झारखंड बनने के बाद यहां पहली बार प्रत्याशी उतारेगी कांग्रेस

झारखंड में लोकसभा चुनाव के लिए महागठबंधन आकार ले चुका है। कांग्रेस, झामुमो, झाविमो और राजद मिलकर 14 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस सात सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इन सात सीटों में से रांची,...

लाइव हिन्दुस्तान टीम रांचीWed, 20 March 2019 09:02 AM
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झारखंड में लोकसभा चुनाव के लिए महागठबंधन आकार ले चुका है। कांग्रेस, झामुमो, झाविमो और राजद मिलकर 14 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस सात सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इन सात सीटों में से रांची, खूंटी, चाईबासा,धनबाद, हजारीबाग, पलामू और लोहरदगा संसदीय क्षेत्र से उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है। दरअसल पलामू से कांग्रेस लंबे अरसे के बाद उम्मीदवार मैदान में उतारेगी।

राज्य बनने के बाद कांग्रेस ने यहां से उम्मीदवार नहीं उतारा है। इधर, राजद चतरा के अलावा पलामू सीट पर भी दावा पेश कर रहा है। 24 मार्च तक महागठबंधन में सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला साफ हो पायेगा। झारखंड में पहले चरण के लिए तीन लोकसभा क्षेत्रों में 29 अप्रैल वोट डाले जायेंगे। 

पलामू सीट से कांग्रेस लड़ती है तो झारखंड बनने के बाद कांग्रेस पहली बार यहां से प्रत्याशी उतारेगी। पार्टी की ओर से पूर्व डीजीपी राजीव कुमार और पूर्व सांसद कामेश्वर बैठा तैयारी में लगे हैं। 2004 में इस सीट से राजद, 2009 में झामुमो और 2014 में भाजपा के सांसद चुने गये। कांग्रेस पलामू लोकसभा सीट से 1952 से अब तक सबसे ज्यादा छह बार जीती है, लेकिन 1984 के बाद उसे जीत का स्वाद नहीं मिल सका है। वहीं भाजपा के प्रत्याशी 1991 से अब तक पांच बार जीत चुके हैं।

चतरा सीट पर राजद प्रत्याशी उतारने की तैयारी कर रहा है। राजद चतरा के साथ-साथ पलामू से भी प्रत्याशी देना चाहता है। चतरा झारखंड ही नहीं देश की एक मात्र ऐसी सीट है, जहां से आज तक लोकसभा चुनाव में स्थानीय उम्मीदवार नहीं जीत सका है। हर चुनाव में बाहरी प्रत्याशी की ही जीत होती है। इस बार के चुनाव में भी यहां की जनता स्थानीय उम्मीदवार को चुनती है या फिर नकारती है, यह 23 मई को मतगणना के बाद पता चलेगा। 

लोहरदगा लोकसभा सीट पर महागठबंधन की ओर से कांग्रेस का दावा है। 2004 में कांग्रेस के प्रत्याशी और पूर्व आईपीएस रामेश्वर उरांव ने जीत हासिल की। वे 2009 और 2014 का चुनाव इस सीट से हार गये। इस बार के चुनाव में भी उनकी दावेदारी मजबूत है। वहीं, विधायक सुखदेव भगत और कांग्रेस के केंद्रीय सचिव सह छत्तीसगढ़ के प्रभारी और पूर्व आईपीएस अरुण उरांव भी टिकट के रेस में हैं।

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