शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों के ये रहस्य जान रह जाएंगे हैरान, एक बार जरूर कर आएं दर्शन
Facts About Jyotirlinga: महादेव के 12 ज्योतिर्लिंगों के बारे में माना जाता है कि इन 12 जगहों पर महादेव ने खुद दर्शन दिए थे, तब जाकर ज्योतिर्लिंगों की उत्पत्ति हुई थी। जानिए इन जगहों से जुड़े फैक्ट्स-
हिंदू धर्म में भगवान शिव को मोक्ष के देवता के रूप में जाना जाता है। इसी के साथ ऐसा भी कहा जाता है कि जब तक आप 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन नहीं कर लेते हैं आपका आध्यात्मिक जीवन पूर्ण नहीं हो सकता। कहते हैं भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन मात्र से ही सभी पापों का अंत हो जाता है। ऐसे में जानिए ज्योतिर्लिंगों से जुड़ी हैरान कर देने वाली बातें।
1) सोमनाथ मंदिर, गुजरात
सोमनाथ मंदिर को लेकर ऐसा माना जाता है कि आज भी अमावस्या की रात में चंद्र यहां आकर समुद्र के पवित्र जल में डुबकी लगाते हैं और फिर से दुनिया की अंधेरे में रोशनी देने के लिए अपनी जगह पर चले जाते हैं।
2) महाकालेश्वर, उज्जैन
यहां की भस्मारती एक फेमस धार्मिक क्रिया है। जो सुबह 4 बजे की जाती है। पहले के समय में आरती के लिए इस्तेमाल की जाने वाली भस्म मानव के अंतिम संस्कार की होती थी, लेकिन अब गाय के गोबर की राख का इस्तेमाल किया जाता है।
3) मल्लिकार्जुन, आंध्र प्रदेश
श्री भ्रामराम्बा मल्लिकार्जुन मंदिर जिसे श्रीशैलम मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। ये मंदिर आंध्र प्रदेश में स्थित है। ये मंदिर कुल 18 शक्तिपीठ में से एक है। ऐसे में ये मल्लिकार्जुन दूसरे ज्योतिर्लिंगों से स्पेशल है।
4) ओंकारेश्वर, मध्य प्रदेश
ऐसा माना जाता है कि सतयुग में मणि का बना एक टापू था, जो त्रेता युग में सोने का, द्वापर युग में ताम्र का और कलयुग में चट्टान का बन गया है।
5) केदारनाथ, उत्तराखंड
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग लगभग एक हजार साल से ज्यादा पुराना है। इसका महत्व इसकी प्रकृति में है। साल 2013 में हुई आपदा में ज्योतिलिंग को छोड़कर मंदिर के पास सब कुछ नष्ट हो गया था।
6) भीमाशंकर मंदिर
ऐसा माना जाता है कि मूल मंदिर के प्रारंभ में स्वंभु ज्योतिर्लिंग के चारों ओर बनाया गया था। भीमशंकर को 1985 में वन्यजीव अभयारण्य के रूप में घोषित किया गया था।
7) काशी विश्वनाथ, वाराणसी
वाराणसी वो जगह है जहां ब्रह्मा, विष्णु और महेश एक साथ यहां रहते है। ऐसा कहा जाता है कि शिव के आशीर्वाद से यह शहर कभी नष्ट नहीं हो सकता।
8) त्र्यंबकेश्वर, महाराष्ट्र
मंदिर के तीन मुख हैं जो तीन देवताओं - ब्रह्मा, विष्णु और महेश को दर्शाते हैं। त्र्यंबकेश्वर शहर का नाम मंदिर के नाम पर दिया गया है। जगह का मूल नाम त्र्यंबक है।
9) वैद्यनाथ, झारखंड
मंदिर मुख्य रूप से अपनी कांवर यात्रा के लिए प्रसिद्ध है। भक्त गंगा के पवित्र जल को ज्योतिर्लिंगम पर डालने के लिए बिहार के सुल्तानगंज से आते हैं। रावण ने मंदिर में घोर तपस्या की और बलि के रूप में भगवान शिव को अपने सिर चढ़ाया। जब वह बहुत घायल हो गया, तब शिव ने स्वयं वैद्य के रूप में रावण की मदद की, जहां से मंदिर का नाम वैद्यनाथ पड़ा।
10) नागेश्वर, द्वारका
मंदिर अपने भक्तों को बुराई और सांपों (नाग) के जहर के प्रभाव से बचाने के लिए फेमस है। यह भी माना जाता है कि मंदिर की आवृत्ति भक्तों को ध्यान करने में मदद करती है और उनके मन और शरीर से सभी विषों को दूर कर सकती है।
11) रामेश्वर, तमिलनाडु
कहा जाता है कि ज्योतिर्लिंग भगवान राम द्वारा स्थापित किया गया था और दूसरा हनुमान द्वारा काशी से लाया गया था, जो काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग की प्रतिकृति भी है। यह देश के क्षेत्र में स्थित सबसे दक्षिणी ज्योतिर्लिंग है।
12) घृष्णेश्वर, महाराष्ट्र
ज्योतिर्लिंग को घुश्मेश्वर और कुसुमेश्वर के नाम से भी जाना जाता है। यह महाराष्ट्र में एलोरा की गुफाओं, दौलताबाद के पास स्थित है। पुरुषों को धोती और जनेऊ में नंगे बदन मंदिर में जाना अनिवार्य है।
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