हाइकिंग के दौरान हुई योगा मास्टर की मौत, जानें पहाड़ों पर ट्रैकिंग-हाइकिंग पर जाते समय किन बातों का ध्यान रखना है जरूरी
Hiking Saftey Tips: हाइकिंग के लिए गए योगा टीचर की हार्ट अटैक से मौत हो गई। जब भी हाइकिंग या ट्रैकिंग के लिए जाएं तो इन बातों का ध्यान जरूर रखें। जिससे किसी भी अनहोनी से बचा जा सके।
आजकल एडवेंचर के लिए लोग पहाड़ों की सैर पर जाते हैं। ऊंचे, बर्फीले, ऊबड़-खाबड़ रास्तों, पहाड़ों पर हाइकिंग और ट्रैकिंग का शौक रखते हैं। लेकिन हाइकिंग और ट्रैकिंग इतनी आसान नहीं होती जितनी टूर्स एंड ट्रैवेल्स वाले बताते हैं। अगर आप हाइकिंग के लिए जाना चाहते हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। नहीं तो लेने के देने पड़ जाएंगे। हाल ही में योगा टीचर शरद जोइस की हाइकिंग के दौरान हार्ट अटैक आने से मौत हो गई। अगर आप हाइकिंग के लिए या फिर ट्रैकिंग पर जाने का प्लान बना रहे हैं तो इन सेफ्टी टिप्स को जरूर फॉलो करें। जिससे एडवेंचर का प्लान किसी अनहोनी में ना बदल जाए।
हाइकिंग के दौरान हार्ट अटैक का खतरा
हाइकिंग के दौरान लगातार पैदल लंबी दूरी तक चलना होता है। ऊंची, खड़ी, पहाड़ों की चढ़ाई पर हार्ट रेट काफी ज्यादा तेजी से बढ़ जाती है। जिससे दिल पर प्रेशर बढ़ता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
हाइकिंग-ट्रैकिंग के दौरान किन बातों का ध्यान रखना है जरूरी
हाइकिंग और ट्रैकिंग दोनों ही कठिन फिजिकल एक्टीविटी होती है। जिसमे पूरी तरह से फिट होना जरूरी है। पहली बार जाएं या बार-बार जाएं लेकिन इन बातों का ध्यान जरूर रखें।
मेडिकल चेकअप कराएं
हाइकिंग के लिए या ट्रैकिंग के लिए जा रहे हैं तो मेडिकल चेकअप जरूर करवाए। अपने हार्ट की पूरी तरह से जांच करवाएं कि वो पूरी तरह से फंक्शन कर रहा है या नहीं। बिना डॉक्टर की सलाह या खुद की सेहत पर शंका हो तो भूलकर भी ना जाएं।
फिजिकल एक्टिव रहें
पहली बार हाइकिंग पर जाने वाले हैं तो सबसे पहले खुद को फिजिकल एक्टिव करें। एक्सरसाइज और लंबी दूरी की वॉक, जॉगिंग आपको हाइकिंग करने में मदद करेगी। फिजिकल एक्टिव नहीं रहते हैं तो ट्रैकिंग पर भी जाने से बचें।
हार्ट रेट का रखें ध्यान
हाइकिंग के लिए जा रहे हैं तो लगातर चलते हुए हार्ट रेट बढ़ गया है या बहुत ज्यादा हांफने लगे तो कुछ देर रुक कर आराम करें। जिससे हार्ट बीट नॉर्मल हो जाए, उसके बाद ही आगे बढ़ें।
ऑक्सीजन किट साथ रखें
कुछ घरेलू नुस्खों के अलावा आक्सीजन के छोटे पैक आते हैं। जिन्हें आसानी से मुंह में लगाकर आक्सीजन लेवल नॉर्मल शरीर में किया जा सकता है। जिससे मेडिकल मदद पहुंचने तक आप नॉर्मल हो जाएं। जब भी हाइकिंग, ट्रैकिंग या ऊंचे पहाड़ों पर जा रहे हों तो इसे जरूर साथ रखें।
आराम है जरूरी
कई घंटों की हाइकिंग या ट्रैकिंग में थोड़ी-थोड़ी देर पर आराम जरूरी है। जिससे शरीर रिलैक्स हो सके और हार्ट बीट भी नॉर्मल हो जाए। बहुत ज्यादा थकान की वजह से भी हार्ट पर प्रेशर बढ़ता है।
पहले सरल रास्तों पर करें हाइकिंग
पहली बार हाइकिंग के लिए जा रहे हैं तो पहले आसान और कम दूरी, कम ऊंचाई वाले रास्तों को चुनें। जिससे कि पूरा रास्ता तय किया जा सके।
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