Saawan Special: दिल्ली NCR में बसे हैं ये प्राचीन शिव मंदिर, जाने वालों की हर मुराद पूरी करते हैं भोलेनाथ
- सावन का पावन महीना बस शुरू ही होने वाला है। इन दिनों भोलेनाथ को खुश करने के लिए भक्तों की भरी भीड़ मंदिरों में पहुंचती है। आज हम आपको दिल्ली एनसीआर के बहुत प्राचीन शिव मंदिरों के बारे में बताने वाले हैं। जहां जा कर भोलेनाथ आपकी सभी मनोकामनाओं को पूरा करेंगे।
सावन का पावन महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। इस पूरे महीने में भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है। दूर-दूर से लोग देश के बड़े-बड़े शिव मंदिरों में भोलेनाथ के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। आज हम आपको दिल्ली एनसीआर में बसे हुए कुछ ऐसे प्राचीन शिव और चमत्कारी मंदिरों के बारे में बताने वाले हैं जिनके दर्शन के लिए सावन में दूर-दूर से भक्तों की भीड़ का तांता लग जाता है। कहा जाता है कि इन मंदिरों में भोलेनाथ से जो भी मांगों वो सारी मुरादें पूरी करते हैं। अगर सावन में आप भी भोलेनाथ को खुश करना और उनकी कृपा पाना चाहते हैं तो इन प्राचीन शिव मंदिरों में दर्शन करना ना भूलें।
दूधेश्वर महादेव मंदिर
भगवान शिव का इस प्राचीन मंदिर का इतिहास 5000 साल पुराना है। मंदिर के अंदर पूरे समय एक धूना जलती रहती है। इसे लेकर कहा जाता है कि मंदिर के अंदर जलने वाली धुनी कभी बुझती नहीं है, ये हमेशा से ही जलती चली आई है। इस शिव मंदिर का वर्णन पुराणों में भी किया गया है। पुराणों में इस मंदिर का वर्णन हिरण्यागर्भ ज्योतिर्लिंग के रूप में मिलता है, जिसे श्रीराम के जन्म से भी पूर्व त्रेतायुग का बताया गया है।
मंगल महादेव बिरला कानन मंदिर
शिवजी का यह प्राचीन मंदिर दिल्ली के शिवाजी मार्ग पर स्थित है। 200 एकड़ की जमीन पर फैले इस मंदिर की स्थापना 1994 में भगवान शिव के खास पर्व शिवरात्रि पर की गई थी। भगवान शिव के इस मंदिर में शिव जी की 100 फीट ऊंची विशालकाय प्रतिमा स्थापित है। प्रतिमा की ऊंचाई इतनी है कि दूर से भी इसके दर्शन होते हैं । इस मंदिर में भगवान शिव के साथ ही माता पार्वती, कार्तिकेय, नंदी, सीता-श्रीराम, राधा कृष्ण और भगवान गणेश की भी प्रतिमा स्थापित है। इस मंदिर की खूबसूरती इसके अंदर इस बनाए गए सुंदर बगीचे से और बढ़ जाती है। सावन के महीने में मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है।
प्राचीन गौरी शंकर मंदिर
भगवान शिव का यह मंदिर दिल्ली के चांदनी चौक में स्थित है। बताया जाता है कि इस मंदिर के अंदर स्थित शिवलिंग 800 साल पुराना है। इस मंदिर का निर्माण शिवजी के परम भक्त एक मराठा सिपाही द्वारा किया गया था। मंदिर को लेकर एक लोक कथा भी काफी प्रचलित है। ऐसा कहा जाता है कि मराठा सिपाही एक बार किसी युद्ध में जख्मी हो गया था। तब उसने भगवान शिव से यह प्रार्थना की थी कि अगर उसके प्राण बच गए तो वह शिव मंदिर का निर्माण करवाएगा। अपने वचन को पूरा करने के लिए ही उसने इस शिव मंदिर का निर्माण कराया था।
गोपेश्वर महादेव मंदिर
भगवान शिव का यह प्राचीन मंदिर दिल्ली एनसीआर के गाजियाबाद जिले के वैशाली क्षेत्र के सेक्टर 4 में स्थित है। वैशाली मेट्रो स्टेशन की सीढ़ियों से ही इस मंदिर के दर्शन होने लगते हैं। इसी के पास स्थित गुलमोहर शिवालय भी काफी प्रसिद्ध है। प्रतिवर्ष से सावन के महीने में इस मंदिर में श्रद्धालुओं की बहुत भीड़ लगती है।
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