WHO ने Ivermectin के इस्तेमाल पर चेताया, भारत में लक्षण दिखने पर भी दी जा रही है ये दवा
भारत में कोरोना के इलाज के लिए कई दवाएं ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल के तहत डॉक्टर्स मरीजों को बता रहे हैं। इनमें से आइवरमेक्टिन भी एक है। यूनियन हेल्थ मिनिस्ट्री और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के...
भारत में कोरोना के इलाज के लिए कई दवाएं ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल के तहत डॉक्टर्स मरीजों को बता रहे हैं। इनमें से आइवरमेक्टिन भी एक है। यूनियन हेल्थ मिनिस्ट्री और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के नैशनल कोविड टास्क फोर्स ने बीते महीने कोविड मरीजों के इलाज के लिए इस दवा को हरी झंडी दी थी। अब वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) इस दवा को इस्तेमाल ना करने की सलाह दे रहा है।
लक्षण दिखते ही डॉक्टर दे रहे हैं दवा
Ivermectin एक एंटी पैरासाइट दवा है। भारत में डॉक्टर्स लोगों में लक्षण दिखते ही इसे खाने की सलाह दे रहे हैं। गोवा सरकार ने तो 18 साल से ऊपर सभी लोगों को बिना लक्षणों के ही आइवरमेक्टिन का 5 दिन का कोर्स बचाव के तौर लेने की सलाह दी है। हालांकि मंगलवार को WHO की सीनियर साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने अपने ट्वीट में लिखा है, डब्लूएचओ सलाह देता है कि क्लीनिकल ट्रायल को छोड़कर कोविड पेशेंट्स को यह दवा ना दी जाए। साथ ही ये भी कहा कि किसी नए लक्षण में जब कोई दवा इस्तेमाल करते हैं तो सुरक्षा और असर का ध्यान रखना जरूरी है।
Safety and efficacy are important when using any drug for a new indication. @WHO recommends against the use of ivermectin for #COVID19 except within clinical trials https://t.co/dSbDiW5tCW
— Soumya Swaminathan (@doctorsoumya) May 10, 2021
डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन ने किया ट्वीट
सौम्या ने दवा बनाने वाली कंपनी का स्टेटमेंट भी ट्वीट किया है। यह इस साल मार्च में जारी किया गया था। स्टेटमेंट के मुताबिक, प्री-क्लीनिकल स्टडीज में कोविड-19 के ट्रीटमेंट में इस दवा के चिकित्सकीय प्रभाव का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।
गोवा में बचाव के तौर पर होगा इस्तेमाल
बता दें कि गोवा के स्वास्थ्यमंत्री विश्वजीत राणे ने सोमवार को कहा था कि 18 साल से ऊपर सभी लोगों को पांच दिनों के लिए 12एमजी की आइवरमेक्टिन दवा दी जाएगी। उन्होंने यह भी बताया ता कि यूके, इटली, स्पेन और जापान के एक्सपर्ट पैनल ने माना है कि यह दवा देने से कोरोना के मरीज जल्दी ठीक हुए हैं और मृत्यु दर में कमी पाई गई है। मंत्री ने कहा था कि यह कदम संक्रमण को नहीं रोकेगा लेकिन गंभीरता कम हो सकती है।
शोध में दावा- रोकेगी महामारी
वहीं एक शोध में भी दावा किया गया था कि आइवरमेक्टिन कोरोना महामारी को खत्म करने में मददगार साबित हो सकती है। बताया गया था कि 'अमेरिकन जर्नल ऑफ थेरेप्यूटिक्स' के मई-जून संस्करण में प्रकाशित इस शोध में आइवरमेक्टिन के उपयोग को लेकर इकट्ठे किए गए आंकड़ों की बेहद बारीकी से समीक्षा की गई है।
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