Raju Srivastav Death: कैसे हार्ट अटैक से अलग है कार्डियक अरेस्ट? इसी से हुई राजू श्रीवास्तव की मौत
Raju Srivastav Death Reason: राजू से पहले भी गायक केके उर्फ कृष्णकुमार कुन्नत,सिद्धार्थ शुक्ला, मंदिरा बेदी के पति राज कौशल की मौत के पीछे भी हार्ट अटैक को ही वजह बताया गया। आइए जानते हैं आखिर
Raju Srivastav Death Reason: कॉमेडी के बेताज बादशाह राजू श्रीवास्तव का बुधवार को हार्ट अटैक से निधन हो गया है। राजू की मौत से उनके परिवार के साथ-साथ फैंस भी सदमे में हैं। मौत से लंबी जंग लड़ने के बाद आखिरकार 21 सितंबर बुधवार को राजू जिंदगी की जंग हार गए। बात दें, राजू को 10 अगस्त को हार्ट अटैक हुआ था। इसके बाद वह करीब 40 दिन एम्स दिल्ली में भर्ती रहे। लेकिन आज उन्होंने अपनी आखिरी सांसें लीं। बता दें, राजू की मौत से पहले भी मशहूर गायक केके उर्फ कृष्णकुमार कुन्नत,सिद्धार्थ शुक्ला, मंदिरा बेदी के पति राज कौशल की मौत के पीछे भी हार्ट अटैक को ही वजह बताया गया। आइए जानते हैं आखिर क्या हैं हार्ट अटैक और कैसे होता है ये कार्डियक अरेस्ट से है अलग।
क्या होता है हार्ट अटैक-
जब शरीर की नसों में खून का प्रवाह सुचारु रूप से नहीं हो पाता है तो ऐसे में खून जमने की समस्या या क्लॉटिंग होना शुरू हो जाती है। इस क्लॉटिंग की वजह से खून हृदय तक पहुँचने में असमर्थ होता है। इसी के साथ हृदय को ऑक्सीजन मिलनी बंद हो जाती है। यह स्थिति हार्ट अटैक की होती है।
हार्ट अटैक अधिकत्तर आट्रीज में प्लैक के निर्माण के कारण पड़ता है। ये प्लैक ब्लड में फैट, कैल्शियम और अन्य पदार्थों के साथ कोलेस्ट्रॉल का संयोजन होता है। ये सभी एलीमेंट्स प्लैक को सख्त बना देते हैं जिससे प्लैक टूट जाता है और ब्लड क्लोटिंग होने लगती है। ब्लड क्लोटिंग का स्तर बढ़ने पर आट्रीज़ में ब्लड सर्कुलेशन रूक जाता है।
किन लोगों को अधिक होता है हार्ट अटैक का खतरा-
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ऐसे लोगों में हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा बना रहता है, जिनके परिवार में पहले किसी को हार्ट अटैक आ चुका हो, जिनका कोलस्ट्रॉल हाई रहता हो, ब्लड प्रेशर हाई रहता हो, जो कम व्यायाम करते हो, सिगरेट, स्मोकिंग करते हो।
क्या होता है कार्डियक अरेस्ट-
जब व्यक्ति का हार्ट पंप करना बंद कर देता है, बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन रूक जाता है और व्यक्ति सामान्य तरीके से सांस नहीं ले पाता तो कार्डियक अरेस्ट यानि हार्ट फेल हो जाता है। मेडिकल के शब्दों में इसे इलेक्ट्रिक कंडक्टिंग सिस्टम का फेल होना कहा जाता है। सामान्य रूप से कार्डियक अरेस्ट अचानक होता है और बॉडी कोई पूर्व चेतावनी भी नहीं देती है। 30 साल की उम्र के बाद ऐसिडिटी या अस्थमा के दौरे इसका संकेत हैं।
हालांकि अगर 10 मिनट के अंदर मेडिकल सुविधा मिल जाए तो मरीज को बचाया जा सकता है। इसमें दिल और सांस रुक जाने के बावजूद दिमाग जिंदा होता है। जिस शख्स को पहले हार्ट अटैक पड़ चुका है, उसे कार्डियक अरेस्ट होने की आशंका बहुत अधिक होती है।
इन संकेतों को न करें नजरअंदाज-
- 30 सेकंड से ज्यादा छाती में होने वाला दर्द
- छाती के बीचोंबीच भारीपन
- हल्की जकड़न या जलन
- थकावट के समय जबड़े में होने वाला दर्द
- सुबह छाती में होने वाली बेचैनी
- थकावट के समय सांस का फूलना
- छाती से बाईं बाजू और पीठ की ओर जाने वाले दर्द
- बिना वजह आने वाले पसीना और थकावट
दिल से जुड़ी बीमारियों को दूर रखने के उपाय-
-कार्डियक अरेस्ट जैसी स्थिति से बचाव करने के लिए सबसे पहले एक अच्छे लाइफस्टाइल को अपनाएं।
-मधुमेह, उच्च रक्तचाप और डिस्लिपिडेमिया जैसी बीमारियों वाले लोगों को अपना खास ख्याल रखना चाहिए।
-धूम्रपान न करें।
-इसके अलावा आहार में वसा और चीनी कम लें।
-नियमित रूप से व्यायाम करें।
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