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Happy Independence Day 2023 Poems: स्वतंत्रता दिवस पर दिलों में जगाएं देशभक्ति का जज्बा, भेजें ये कविताएं 

Independence Day 2023 Poems In Hindi: 15 अगस्त 2023 को भारत अपना 77 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस दिन आप अपनों के साथ कुछ कविताओं को शेयर कर सकते हैं। पढ़िए, देशभक्ति से सरोबर कविताएं

Avantika Jain लाइव हिंदुस्तान, नई दिल्लीTue, 15 Aug 2023 12:57 AM
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स्वतंत्रता दिवस को भारत में पूरे हर्ष और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन हर तरफ देशभक्ति के गीत और नारे गूंजते हैं। इस दौरान हर कोई एक दूसरे को आजादी की बधाई और शुभकामनाएं भेजते हैं। इस कड़ी में हम आपके लिए लेकर आए हैं कुछ ऐसी कविताएं जो आप इस दिन अपनों को भेज सकते हैं और स्टेट्स पर भी भेज सकते हैं। 

1)
लाल रक्त से धरा नहाई,
श्वेत नभ पर लालिमा छायी,
आजादी के नव उद्घोष पे,
सबने वीरों की गाथा गायी,

गांधी, नेहरु, पटेल, सुभाष की,
ध्वनि चारों और है छायी,
भगत, राजगुरु और सुखदेव की
कुरबानी से आंखे भर आई,

ऐ भारत माता तुझसे अनोखी
और अद्भुत मां न हमने पाई ,
हमारे रगों में तेरे कर्ज की,
एक एक बूंद समाई

माथे पर है बांधे कफन
और तेरी रक्षा की कसम है खाई,
सरहद पे खड़े रहकर
आजादी की रीत निभाई।
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं

2) 
भारत मां के अमर सपूतो, पथ पर आगे बढ़ते जाना
पर्वत, नदिया और समंदर, हंस कर पार सभी कर जाना

तुममे हिमगिरी की ऊंचाई सागर जैसी गहराई है,
लहरों की मस्ती और सूरज जैसी तरुनाई है

भगत सिंह, राणा प्रताप का बहता रक्त तुम्हारे तन में
गौतम, गांधी, महावीर सा रहता सत्य तुम्हारे मन में

संकट आया जब धरती पर तुमने भीषण संग्राम किया
मार भगाया दुश्मन को फिर जग में अपना नाम किया

आने वाले नए विश्व में तुम भी कुछ करके दिखाना
भारत के उन्नत ललाट को जग में ऊंचा और उठाना।
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं

3)
जब भारत आजाद हुआ था,
आजादी का राज हुआ था।
वीरों ने कुरबानी दी थी,
तब भारत आजाद हुआ था।

भगत सिंह ने फांसी ली थी,
इंदिरा का जनाजा उठा था।
इस मिट्टी की खुशबू ऐसी थी,
तब खून की आंधी बहती थी।

वतन का जज्बा ऐसा था,
जो सबसे लड़ता जा रहा था।
लड़ते-लड़ते जाने गई थीं,
तब भारत आजाद हुआ था।

फिरंगियों ने ये वतन छोड़ा था,
इस देश के रिश्तों को तोड़ा था।
फिर भारत दो भागो में बाटा था,
एक हिस्सा हिन्दुस्तान था,
दूसरा पाकिस्तान कहलाया था।

सरहद नाम की रेखा खींची थी,
जिसे कोई पार ना कर पाया था।
ना जाने कितनी माये रोइ,
ना जाने कितने बच्चे भूके सोए,
हम सब ने साथ रहकर
एक ऐसा समय भी काटा था।

वीरों ने कुरबानी दी थी
तब भारत आजाद हुआ था।
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं

4) 
क्या पढ़ते हो किताबों में
आओ मैं तुम्हें बताती हूं,
पन्द्रह अगस्त की असली परिभाषा
आज अच्छे से समझती हूं।
एक दौर था जब भारत को,

सोने की चिड़िया कहते थे।
कैद कर लिया इस चिड़िया को,
वो शिकारी अग्रेज कहलाते थे।
कुतर-कुतर कर सारे पंख,
अधमरा कर छोड़ा था।

सासें चल रहीं थी बस,
ताकत से अब रिश्ता पुराना था।
कहते है कि हिम्मत से बढ़कर,
दुनिया मे और कु़छ नहीं होता।
कतरा-कतरा समेट कर,

फिर उठ खड़ी हुई वो चिड़िया।
बिखर गए थे सारे पंख,
तो बिन पंखों के उड़ना सीख लिया।
परिस्थिति चाहें जैसी भी थी दोस्तों,
उसने लड़ना सीख लिया।
लड़ती रही अतिम सांस तक,
और सफलता उसके हाथ लगी।

आजादी की थी चाह मन में,
और वो आजादी के घर लौट गयी।
आज उस चिड़िया को हम,
गर्व से भारत बुलाते हैं।
और सीना गद-गद हो जाता है,
जब हम भारतीय कहलाते है।
आजादी का यह पर्व दोस्तों,

आओ मिल कर मनाते हैं,
चाहें रहे हम अमेरिका या लदन
भारत को आगे बढ़ाते हैं,
भारत के गुण गाते हैं और पन्द्रह अगस्त मनाते हैं।
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं

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