पॉजिटिव मतलब होने के बाद भी नहीं रखने चाहिए बच्चों के ये नाम, पड़ सकता है उल्टा असर
अक्सर बच्चों का फैंसी या डिफरेंट नाम रखने के चक्कर में पेरेंट अजीबो-गरीब नाम को चुन लेते हैं, जिनका मतलब भी पेरेंट को नहीं पता होता। जो नाम सुनने और पुकारने में अच्छे लगते हो। जैसे, पेरेंट बेबी गर्ल...
अक्सर बच्चों का फैंसी या डिफरेंट नाम रखने के चक्कर में पेरेंट अजीबो-गरीब नाम को चुन लेते हैं, जिनका मतलब भी पेरेंट को नहीं पता होता। जो नाम सुनने और पुकारने में अच्छे लगते हो। जैसे, पेरेंट बेबी गर्ल का नाम कसक रख देते हैं, जबकि कसक नाम सुनने में फैंसी लग सकता है लेकिन कसक का मतलब नेगेटिव ही होता है। इसका मतलब शूल, चुभन या फिर दुख से जोड़कर लिया जाता है। ऐसे में बच्चों का कोई भी नाम रखने से पहले कम से कम उसका मतलब तो जरूर ही जान लेना चाहिए। वहीं, कुछ नाम ऐसे होते हैं, जिनका मतलब बहुत ही अच्छा होता है लेकिन फिर भी बच्चों का नाम इनमें से नहीं रखना चाहिए।
बच्चों का ये नाम न रखें
ईश्वर, परमेश्वर, परमपिता, परमात्मा, ब्रह्मा, ब्रह्म, परब्रह्म, सच्चिदानंद, वेद, भगवान, भगवती, देव, देवी, ओम, हरि, हर, महादेव, आदि दैवीय नाम बच्चों के नहीं रखने चाहिए क्योंकि इंसान में गुण-अवगुण दोनों ही होते हैं। ऐसे में अनजाने ही हम ईश्वरीय सत्ता को कोसने के दोषी हो सकते हैं। वहीं, कई बार दैवीय नाम रखने वाले व्यक्ति का व्यक्तित्व एकदम विपरीत हो सकता है। जैसे, 'राम' नाम वाले बच्चे पर शुरू से ही राम के गुणों और मार्गों पर चलने का प्रेशर रहता है।
इस तरह के नाम से न पुकारें
इसके अलावा बच्चे के जन्म के बाद परिवार के लोग प्यार से उसे कई नामों से पुकारते हैं जैसे छोटू, गोलू, पप्पू, राजू, गुड्डू, बक्की, लकी, लवी आदि और धीरे-धीरे बच्चे का वहीं नाम हो जाता है। इससे बड़े होने पर बच्चे का नाम ऐसे ही चलता रहता है और कभी-कभी बिगड़े नाम का असर बच्चे के मन पर भी पड़ने लगता है। बिगड़े नाम या चीज को हमेशा नेगेटिविटी से जोड़कर देखा जाता है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।