फुलेरा और मंडप बिना अधूरी है हरतालिका तीज, जानें इन्हें बनाने का सही तरीका
- हरतालिका तीज का पावन पर्व आने ही वाला है। इस दिन फुलेरा और मंडप बनाकर भगवान शिव और मां पार्वती की आराधना करने का विशेष महत्व है। आज हम आपको आसानी से फुलेरा और मंडप बनाने का सही तरीका बताने वाले हैं।
हरतालिका तीज हिंदू महिलाओं के लिए सबसे शुभ त्यौहारों में से एक है। ये त्यौहार देवी पार्वती और भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन सौभाग्यवती महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए और कुंवारी लड़कियां मनचाहा वर पाने के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। हरतालिका तीज में मंडप तैयार कर भगवान शिव और मां पार्वती की मिट्टी की प्रतिमा स्थापित कर के पूजा की जाती है। पूजा के लिए मंडप बनाने में फुलेरा का विशेष महत्व होता है। तो चलिए फुलेरा बनाने का सही तरीका जानते हैं साथ ही मंडप को डेकोरेट करने की भी कुछ टिप्स जानते हैं।
फुलेरा बिना अधूरी होती है तीज
हरतालिका तीज के पूजन में फुलेरा का बहुत ही खास महत्व होता है। कहा जाता है कि बिना फुलेरा के हरतालिक तीज अधूरी मानी जाती है। फुलेरा प्राकृतिक फूल-पत्तियों, जड़ी-बूटियों और बांस का इस्तेमाल कर के बनाया जाता है । इसे तैयार करने के लिए मुख्य रूप से 5 अलग तरह के ताजे फूलों का इस्तेमाल किया जाता है, जो भगवान भोलेनाथ की पांच पुत्रियों जया, विषहरा, शामिलबारी, देव और दोतली का प्रतीक हैं। पूजन के दौरान फुलेरा को शिवलिंग के ऊपर बांधा जाता है।
ये हैं फुलेरा बनाने का सही तरीका
वैसे तो बाजार में फुलेरा आसानी से मिल जाता है लेकिन मार्केट में मिलने वाले फुलेरा में आर्टिफिशियल फूलों का इस्तेमाल किया जाता है, जो धार्मिक रूप से ज्यादा शुभ नहीं माने जाते। इसलिए हरतालिका तीज के मौके पर घर में ही फुलेरा बनाना शुभ माना जाता है। फुलेरा तैयार करने के लिए रंग-बिरंगे पांच अलग-अलग प्रकार के फूल, आम की पत्तियां, सुई, मोटा धागा, छेद वाली डलिया की जरूरत होती है।
फुलेरा बनाने के लिए सबसे पहले रंग-बिरंगे फूलों और पत्तियों को सुई की मदद से धागे में गूंथते हुए पांच छोटे-छोटे तोरण तैयार कर लें। अब अगर आपके पास छेद वाली डलिया है तो इसमें इस तोरण को इस प्रकार लटकाएं कि चार तोरण डलिया के किनारे-किनारे लटकें और एक तोरण बीच में रहे। अब डलिया के बाकी खाली बचे हिस्से को अलग-अलग फूलों से सजा दें। इस प्रकार खूबसूरत सा फुलेरा बनकर तैयार हो जाएगा। अब इसे शिवलिंग या माता पार्वती और भोलेनाथ की प्रतिमा के ऊपर बांध दें।
पूजा के लिए विशेष रूप से तैयार करें मंडप
हरितालिका तीज पर केले के पत्ते और फूलों का मंडप तैयार कर के भगवान शिव और पार्वती की पूजा की जाती है। मंडप को बनाने के लिए सबसे पहले एक लकड़ी की चौकी को पूजा के स्थान पर रखें। अब चौकी के चारों पायों में बांस की पतली सी लकड़ी को रक्षासूत्र की मदद से बांध दें। अब चौकी के चारों पायों पर केले के पत्ते को भी बांध दें। इसके बाद पहले से तैयार किए गए फुलेरा की मदद से ऊपर कवर करते हुए मंडप की छत बनाएं। इस तरह से खूबसूरत मंडप बनाकर तैयार हो जाएगा। अब चौकी के ऊपर कोई साफ लाल कपड़ा बिछा दें, फिर चौकी पर भगवान की मूर्ति स्थापित करें।
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