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शादीशुदा रिश्ता बनेगा जीवनभर का साथ जब पहले साल में ही जान लेंगे ये बातें

खूब सारी उम्मीदों और उत्साह के साथ कोई जोड़ा अपने शादीशुदा जिंदगी की शुरुआत करता है। पर, शादी का पहला साल अधिकांश लोगों के लिए उनकी उम्मीदों से कहीं ज्यादा चुनौतीपूर्ण साबित होता है। साथ मिलकर इस चुनौती का कैसे करें सामना, बता रही हैं शाश्वती

Aparajita हिन्दुस्तानFri, 15 Nov 2024 03:12 PM
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शादी का उत्साह और घूमने-फिरने की मौज-मस्ती के बाद किसी भी नए जोड़े के ऊपर जब घर-गृहस्थी की जिम्मेदारी आती है, तो अकसर शादी के पहले साल में मन में यह खयाल भी आ ही जाता है कि शादी करने का निर्णय गलत तो नहीं था। शादी का पहला साल रिश्ते का वह आधार होता है, जिस के बूते साथ मिलकर जिंदगी के आगे का सफर तय किया जाता है। इस दौरान आप दोनों साथ मिलकर दैनिक जीवन की चुनौती और जिम्मेदारियों का सामना जिस तरह से करेंगी, उसी से भविष्य में आप दोनों के आपसी संवाद, किसी झगड़े को सुलझाने का तरीका, आपसी विश्वास और एक-दूसरे के प्रति अपेक्षाएं तय होती हैं।

क्यों खास है पहला साल

शादी का पहला साल कई मायने में आने वाली जिंदगी का आधार तय करता है। इस दौरान एक-दूसरे के प्रति अपेक्षाएं तय होती हैं। मसलन, बेडशीट पर आपको एक सलवट तक पसंद नहीं। पर, हो सकता है कि बेडशीट को किसी तरह से बेड पर फैला देने भर को पति बेड ठीक करना समझते हों। शादी के पहले साल आप दोनों आपसी संवाद का न सिर्फ अपना तरीका विकसित करेंगे बल्कि यह भी समझ पाएंगे कि किस तरह के मूड में कौन-सा व्यक्ति कैसी प्रतिक्रिया देता है। इस दौरान आप दोनों साथ मिलकर किसी चुनौती का सामना करने का अपना तरीका भी विकसित कर पाएंगे। साथ ही शादी के पहले साल में आप दोनों एक टीम की तरह काम करना, अपना रुटीन तय करना और आपसी लड़ाई-झगड़े को सुलझाने का अपना तरीका भी तलाश कर पाएंगे।

क्या होती हैं मुश्किलें

शादी के पहले साल को आमतौर पर शादीशुदा जिंदगी के सबसे मुश्किल दौर में से एक माना जाता है। शादी से सामाजिक और निजी अपेक्षाएं और हर मोर्चे पर एडजस्टमेंट करने की चुनौती जिंदगी के इस सफर को और चुनौतीपूर्ण बना देती है। शादीशुदा जिंदगी से अधिकांश लोगों की अपेक्षाएं सतही होती हैं, जिनमें घूमना-फिरना, मौज-मस्ती ज्यादा शामिल होती हैं। जब इन अपेक्षाओं पर घर की जिम्मेदारियों का बोझ पड़ता है, तो सारे सपने धराशायी होने लगते हैं। इस दौरान पति-पत्नी आपसी एडजस्टमेंट के दौर से भी गुजर रहे होते हैं। साथ जिंदगी बिताने के लिए हमेशा किसी-न-किसी स्तर पर पति-पत्नी में से कोई एक समझौता भी कर रहा होता है। इन सबके अलावा भावनात्मक तनाव इस दौर को और चुनौतीपूर्ण बना देता है। पति हो या पत्नी, दोनों की अपेक्षा होती है कि सामने वाला बिना कहे मन की सारी बात समझ जाए। ऐसा होना तो संभव नहीं है। इस वजह से रिश्ते के तार उलझते हैं और मन साथी के प्रति शिकायतों से भरता चला जाता है। ये सब चीजें साथ मिलकर शादी के पहले साल की मुश्किलों में इजाफा करती जाती हैं।

खुशहाली की ओर बढ़ाएं कदम

1) हमें बचपन से सिखाया जाता है कि जिंदगी अपनी शर्तों पर जिओ, समझौता नहीं करो। पर, यकीन मानिए शादीशुदा जिंदगी की मजबूत नींव साथी के साथ समझौता करने की आपकी स्किल पर ही पड़ेगी। कभी साथी को अपनी पसंद के साथ समझौता करना पड़ेगा, तो कभी आपको। अमेरिका के गॉटमैन इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं के द्वारा किए गए अध्ययन के मुताबिक जो जोड़े प्रभावी तरीके से आपसी लड़ाई-झगड़ों को सुलझाते हैं और समझौता करने में विश्वास करते हैं, वे अपनी शादीशुदा जिंदगी से ज्यादा संतुष्ट रहते हैं।

2) एयर कंडीशनर के तापमान और फैन की स्पीड पर आपस में बहस होना लाजमी है। पर, ऐसी स्थिति में भी हंसी-मजाक के मौके तलाश लेना आपसी तनाव को छूमंतर कर देगा। पर्सनैलिटी एंड सोशल साइकोलॉजी बुलेटिन नाम की पत्रिका में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक आपसी हंसी-मजाक से रिश्ते के प्रति संतुष्टि के भाव में न सिर्फ इजाफा होता है बल्कि रिश्ते की चुनौतियों का सामना करने की क्षमता में भी इजाफा होता है।

3) शादी का पहला साल हो या फिर दसवां, बेहतर आपसी संवाद हर दौर में रिश्ते की चुनौतियों को कम करेगा। इस मुगालते में न रहें कि साथी आपके मन की बात को समझ लेगा। बात चाहे कड़वी क्यों न हो, साथी से खुलकर उस मुद्दे पर बात करें। रिश्ते की शुरुआत से ऐसा करने की आदत डालना आप दोनों के भविष्य को खुशनुमा बनाएगा।

4) आप दोनों की शादी हुई है, इसका मतलब यह नहीं है कि आप हमेशा एक साथ वक्त बिताएंगे। शादी के बाद भी साथी के पर्सनल स्पेस का सम्मान करें। अपने दोस्तों और अपनी हॉबी के लिए भी वक्त बिताएं। एक-दूसरे से अलग वक्त बिताना, आप दोनों के आपसी रिश्ते को मजबूत बनाएगा।

5) हम सब मुश्किल मुद्दों पर बात करने से बचना चाहते हैं। आप अपने रिश्ते में ऐसी गलती न करें। शादी के पहले साल में फाइनैंस, भविष्य की योजनाएं और सास-ससुर से जुड़ी परेशानियों के बारे में साथी से बात करना शुरू करें। ऐसा करके आप भविष्य के आपसी टकराव को खत्म कर पाएंगी।

(रिलेशनशिप एक्सपर्ट गीतांजलि शर्मा से बातचीत पर आधारित)

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