बढ़े हुए वजन का मजाक उड़ाते हैं हस्बैंड या मां को है सामान इकट्ठा करने की आदत, जानिए कैसे करें डील
- हम सबकेपास ढेरों सवाल होते हैं, बस नहीं होता जवाब पाने का विश्वसनीय स्रोत। इस कॉलम केजरिये हम एक्सपर्ट की मदद से आपके ऐसे ही सवालों केजवाब तलाशने की कोशिश करेंगे। इस बार मनोविशेषज्ञ देंगी आपकेसवालों केजवाब। हमारी एक्सपर्ट हैं, डॉ. गगनदीप कौर
पति-पत्नी के रिश्ते में थोड़ा बहुत हंसी मजाक चलता रहता है। लेकिन कई बार मजाक में कुछ ऐसी बातें हो जाती हैं, जिससे किसी को भी बुरा लग सकता है। ऐसे में मन में कई तरह के सवाल आने लगत हैं। अक्सर मन में कई तरह के सवाल होते हैं, लेकिन इन सवालों का जवाब पाने के लिए कोई विश्वस्नीय स्त्रोत नहीं होता। ऐसे में यहां एक्सपर्ट कुछ सवालों के जवाब दे रही हैं, जानिए।
सवाल- मैं पांच माह पहले जुड़वां बच्चों की मां बनी हूं। गर्भावस्था के दौरान मेरा वजन काफी बढ़ गया था। उस वजन को मैं अब तक कम नहीं कर पाई हूं। मेरे बढ़े हुए वजन का मेरे पति बातों ही बातों में अकसर मजाक उड़ाते हैं। मुझे उनकी यह बात बिल्कुल पसंद नहीं। अकसर ऐसी किसी घटना के बाद में मेरा मन बहुत ज्यादा उदास हो जाता है। मैंने उन्हें एकाध बार अपने मन की बात बताने की कोशिश भी की है, पर पति पर कोई असर नहीं पड़ता। मुझे क्या करना चाहिए?
- पावनी गुप्ता, मेरठ
जवाब- गर्भधारण और बच्चे के जन्म के बाद एक महिला के शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिसकी वजह से वजन बढ़ जाता है। यह पूरी तरह से एक बायोलॉजिकल प्रक्रिया है, जिसके लिए कोई व्यक्ति विशेष कहीं से जिम्मेदार नहीं होता। जहां तक पति का सवाल है, तो मैं उम्मीद करती हूं कि वे आपके मन से प्यार करें और शरीर को इतनी अहमियत देना बंद कर दें। मुझे ऐसा लगता है कि पति की बातें आपको इसलिए ज्यादा बुरी लग रही हैं क्योंकि शायद आप भी बच्चे के जन्म के बाद अपने बढ़े हुए वजन को लेकर सहज नहीं हो पाई हैं। आपको भी अपने शरीर में आए इस बदलाव को लेकर सहज होना होगा। आप वजन कम करने की कोशिश भी कर ही रही हैं। इस बात को स्वीकारें कि आपका वजन आपको परिभाषित नहीं करता है। आप पहले जैसी थीं, वजन बढ़ने के बाद भी वैसी ही हैं। आप अपने बढ़े हुए वजन को लेकर सहज होना शुरू कर देंगी, तो धीरे-धीरे आपके पति व अन्य लोगों को भी सहज होना ही पड़ेगा। जब आप ऐसा कर लेंगी तो दूसरों की प्रतिक्रिया व कमेंट आदि का भी आप पर कम असर पड़ेगा।
सवाल- मेरी मां को सामान इकट्ठा करने की आदत है। उनका तर्क है कि घर का सारा सामान उन्होंने बहुत मुश्किलों से खरीदा है, इसलिए वो अब ऐसे सामान को भी घर से नहीं हटाएंगी, जिनका इस्तेमाल सालों से नहीं हुआ। मां की इस आदत के कारण घर पुराने सामान से भर हुआ है। वो इस मामले में किसी भी बात मानने के लिए तैयार नहीं होतीं। क्या करूं?
-अंजना तिवारी, लखनऊ
जवाब- कुछ लोग अपने सामान और घर से बहुत ज्यादा लगाव महसूस करते हैं। उनके लिए वह सामान नहीं बल्कि एक व्यक्ति सरीखा हो जाता है, जिससे उनका मोह जुड़ जाता है। ऐसे लोगों के मन में अपने पुराने सामान को देखकर सुरक्षा का भाव आता है। आपकी मां चुंकि उन सामान को हटाना नहीं चाहतीं तो आप उसे नया रूप देकर दोबारा इस्तेमाल करने के तरीके के बारे में सोचना शुरू करें। कोई ऐसा रास्ता निकालने की कोशिश करें जहां आपकी मां की भावनाएं भी आहत ना होंऔर आप अपने घर को वैसा भी रख सकें, जैसा आप रखना चाहती हैं। मां से बात करने की कोशिश बंद न करें। उन्हें बताने की कोशिश करें कि पुराने सामानों से उनका लगाव कैसे सबको दिक्कत दे रहा है। वो इस मुद्दे का क्या समाधान निकाल सकती हैं, इस बारे में भी बात करने की कोशिश करें। क्या आप सभी पुराने सामानों की तसवीर खींचकर उन यादों को एल्बम के रूप में सहेज लें या किसी ऐसे व्यक्ति को दे दें, जिन्हें उनकी वाकई जरूरत है? मां को समझाएं कि इतनी मुश्किल से इकट्ठा किया गया ये सामान आज भी किसी और की मुश्किल को कम करने में मददगार साबित हो सकता है। जब मामला दिल और लगाव का हो, तो निर्णय लेना और भी मुश्किल हो जाता है। इस मामले में कुछ चीजें आपकी मां को समझनी होगी और कुछ आपको। उनकी भावनाओं को सही ठहराते हुए उनसे बात करें ताकि मां भी इस समस्या का हल निकालने की दिशा में सोच सकें।
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