प्यार के रिश्ते में ना करें हड़बड़ी, धीरे-धीरे करें जीवनसाथी को समझने की कोशिश
पहली मुलाकात में प्यार के अफसाने सुनने में भले ही बेहद रोमांचक लगें, पर सच्चाई यह है कि ऐसे रिश्तों में एक-दूसरे को जानने-समझने का वक्त ही नहीं मिलता। किसी रिश्ते को पनपने का पर्याप्त वक्त देना क्यों है जरूरी, बता रही हैं स्वाति गौड़
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पहली नजर में प्यार हो जाने वाले किस्से फिल्मों में ही अच्छे लगते हैं क्योंकि किसी भी रिश्ते को मजबूती देने के लिए आपस में तालमेल होना बहुत जरूरी है। दूसरे शब्दों में कहें तो रिश्तों में प्रगाढ़ता तभी आती है, जब दो लोगों के विचारों में संतुलन होता है। शुरुआती मुलाकातों में सब कुछ गुलाबी और खूबसूरत लगता है क्योंकि मन प्रेम के रस में सराबोर होता है, लेकिन व्यवहारिक धरातल प्रेम की सपनीली दुनिया से अलग होता है, जहां एक-दूसरे के प्रति सम्मान और भविष्य को लेकर साझा सपने देखना भी जरूरी होता है। इसका यह अर्थ नहीं है कि प्रेम जैसे खूबसूरत अहसास से दूर ही रहा जाए, बल्कि इसका अर्थ यह है कि कोई नया रिश्ता कायम होने पर उसमें जल्दबाजी करने की बजाय उसे पनपने का समय दें। वैसे जानकार भी नए रिश्ते में धीमी शुरुआत की पैरवी करते हैं ताकि आप जान सकें कि सामने वाला व्यक्ति आपके लिए ठीक है भी या नहीं है। इसके अलावा भी रिश्ते के मामले में धीमी शुरुआत के बहुत सारे फायदे हैं।
भावनात्मक सुरक्षा
एक नए रिश्ते को समय देने से दोनों पक्षों को एक-दूसरे के भावनात्मक पहलू देखने और समझने का अवसर मिलता है, जिससे रिश्ते में मजबूती आती है।
बेहतर संवाद
दो-चार मुलाकातों में किसी के व्यक्तित्व को परखा नहीं जा सकता है। जब आप लंबे समय तक किसी से मिलते हैं तो उसके विचारों को समझने में मदद मिलती है और ये भी पता चलता है कि वह अन्य लोगों के साथ किस तरह पेश आता है।
दबाव रहित रिश्ता
लोग अकसर एक नए रिश्ते में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का प्रयास करते हैं ताकि सामने वाले पर उनका अच्छा प्रभाव पड़े। लेकिन इससे नाहक तनाव बढ़ता है। इसकी बजाय धीमी गति से रिश्ता बढ़ाने पर एक-दूसरे की कमजोरियों और खूबियों को समझने में मदद मिलती है।
सही निर्णय लेने की क्षमता
किसी प्रकार का भावनात्मक दबाव ना होने पर आप सामने वाले के वास्तविक व्यक्तित्व का आकलन करके अपने लिए और अपने रिश्ते के लिए ज्यादा बेहतर निर्णय ले पाएंगी। जल्दबाजी नहीं करने से सामने वाले को समझने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है। याद रखिए, टिकाऊ रिश्ते समय मांगते हैं ताकि आप बेकार की उम्मीदें लगाने की बजाय खुले दिमाग से अपने लिए सही फैसला ले सकें। इसलिए बेहतर होगा कि किसी नए रिश्ते की शुरुआत से पहले ही कुछ बातों का ध्यान रख लिया जाए।
खुद को दें समय
एक नए रिश्ते का यह अर्थ नहीं होना चाहिए कि आप अपने करीबी लोगों, दोस्तों और सोशल सर्कल को बिल्कुल ही हाशिए पर रख दें। आप एक नए रिश्ते को अपने जीवन में शामिल कर रही हैं, इसके लिए पुराने रिश्तों को छोड़ने की कोई जरूरत नहीं है। इसलिए अपने दोस्तों और प्रियजनों के साथ भी घूमें-फिरें और समय बिताएं, इससे आपकी व्यक्तिगत पहचान बरकरार रहेगी।
बार-बार ना मिलें
शुरुआत में एक-दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने का दिल करता है, लेकिन बहुत जल्दी-जल्दी मिलना उतावलेपन की निशानी है और यह मिलने के रोमांच को भी खत्म कर देता है। इसलिए मुलाकातें सीमित ही रखें ताकि एक-दूसरे को लेकर दिलचस्पी बनी रहे।
व्यक्तिगत जानकारी की साझेदारी
दूसरी-तीसरी मुलाकात में ही अपने जीवन के सारे पन्ने खोल कर रख देना कोई समझदारी की बात नहीं है। विशेषज्ञों के अनुसार अपने बारे में धीरे-धीरे बताना शुरू करें। इससे ना केवल रिश्ते में विश्वास पैदा होता है बल्कि अपने प्रति सामने वाले का नजरिया समझने में भी मदद मिलती है।
वित्तीय सीमाओं का निर्धारण
शुरुआत में रुपए-पैसे संबंधित बातें अलग ही रखनी चाहिए। यानी, अपने क्रेडिट कार्ड या बैंक खाते की जानकारी साझा ना करें और कोई ज्वॉइंट बैंक खाता भी ना खोलें। वित्तीय सीमाओं का निर्धारण रिश्तों में पारदर्शिता स्थापित करता है। एक बार जब आप रिश्ते को अच्छी तरह परख लें तो आपसी साझेदारी में रुपए-पैसे निवेश किए जा सकते हैं।
व्यक्तिगत शौक हैं जरूरी
बेशक इस नए रिश्ते ने आपके जीवन को उमंग और खुशियों से भर दिया है, लेकिन फिर भी अपने व्यक्तिगत शौक को बनाए रखना आपके लिए बहुत जरूरी है। ऐसा करने से आप दोनों को साथ रहते हुए भी कभी अपने पर्सनल स्पेस के खत्म हो जाने का भय नहीं रहेगा। वैसे भी आपके निजी शौक आपके व्यक्तित्व को निखारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए अपने साथी के साथ समय बिताने को अपना एकमात्र शौक बनाने की बजाय अपने पसंद के काम करने के लिए भी समय अवश्य निकालें।
(र्मैंरगों एशिया हॉस्पिटल्स, फरीदाबाद में क्लीनिकल साइकोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. जया सुकुल से बातचीत)
भावनात्मक ईमानदारी है जरूरी
ऐसा बिलकुल जरूरी नहीं कि दो लोग एक समय में एक जैसे भाव ही महसूस करें क्योंकि भावनाओं को विकसित होने में समय लगता है। इसलिए अपनी भावनाओं को लेकर स्पष्ट रहें और अपने साथी की भावनात्मक गति से मेल खाने के दबाव में ना आएं। ऐसा करने से आपको अपने नए रिश्ते का भविष्य समझने में बहुत आसानी होगी।
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