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छोटी-छोटी बात पर बच्चों को धमकाने वाले पेरेंट्स हो जाएं सावधान, ये होते हैं साइड इफेक्ट्स

Side Effects Of Scolding Kids: बच्‍चों के साथ गाली-गलौज करने से लेकर उन्हें बात-बात पर डांटने-फटकारने और धमकाने से बच्‍चों पर बुरा असर पड़ता है। ऐसा करने से न केवल उनका मानसिक विकास बल्कि आत्मविश्वास भी कमजोर पड़ने लगता है। आइए जानते हैं, बच्चों को हर समय धमकाने के क्या होते हैं साइड इफेक्ट्स।

Manju Mamgain लाइव हिन्दुस्तानMon, 25 Nov 2024 08:58 PM
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बच्चों को अच्छी परवरिश और संस्कार देना, माता-पिता के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होता है। यूं तो सभी पेरेंट्स चाहते हैं कि वो अपने बच्चे को अच्छे संस्कार दें, लेकिन कई बार अनुशासन के नाम पर तो कभी सख्‍त प्‍यार बताकर, बच्‍चों के साथ खुद उनके ही परिवार में सबसे ज्‍यादा वर्बल असॉल्‍ट किया जाता है। जी हां, बच्‍चों के साथ गाली-गलौज करने से लेकर उन्हें बात-बात पर डांटने-फटकारने और धमकाने से बच्‍चों पर बुरा असर पड़ता है। ऐसा करने से न केवल उनका मानसिक विकास बल्कि आत्मविश्वास भी कमजोर पड़ने लगता है। आइए जानते हैं, बच्चों को हर समय धमकाने के क्या होते हैं साइड इफेक्ट्स।

बच्चों को हर समय धमकाने के ये होते हैं साइड इफेक्ट्स

सेहत पर बुरा असर

बच्चे को बिना बात, हर समय डांटने से वह डिप्रेशन का शिकार हो सकता है। डिप्रेशन होने पर बच्चा खुद को संतुष्‍ट रखने के लिए ओवरईटिंग करने लगता है या फिर खाना बंद कर देता है। जिसका बच्‍चे के संपूर्ण विकास पर असर पड़ सकता है।

आत्‍मविश्‍वास की कमी

जिन बच्चों को हर बात पर टोका और डांटा जाता है। उनके भीतर आत्मविश्वास की कमी होने लगती है। ऐसे बच्चे अपने जीवन से जुड़ा कोई भी फैसला लेने में हमेशा घबराते रहते हैं। जिंदगी में आगे बढ़ने और सफल होने के लिए बच्चे में आत्‍मविश्‍वास का होना बहुत जरूरी है।

विद्रोही स्वभाव

बच्चों को बार-बार धमकाने से वो स्वभाव से विद्रोही बन जाते हैं। ऐसे बच्चे थोड़े बड़े होने पर अपने माता-पिता की बातों को ही अनसुना करने लगते हैं और सही-गलत का फैसला खुद से करने की कोशिश करते हैं। जो उनके भविष्य के लिए खतरनाक हो सकता है।

भावनात्मक दूरी

बच्चों को बार-बार धमकी देने से बच्चों और माता-पिता के बीच भावनात्मक दूरी बढ़ सकती है। ऐसे बच्चे अपने दिल की बात माता-पिता से करने से हिचकिचाते हैं और खुद को हमेशा अकेला महसूस कर सकते हैं।

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