ऋचा चड्ढा को प्रेग्नेंसी के आखिरी महीनों में हो रही अनिद्रा और बेचैनी, महिलाएं पा सकती हैं ऐसे आराम
प्रेग्नेंसी के आखिरी तीन महीनों में बेचैनी, नींद ना आने की समस्या काफी सारी महिलाओं को होने लगती है। जिसके लिए कई सारे कारण जिम्मेदार होते हैं। जानें कैसे पाएं राहत।
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एक्ट्रेस ऋचा चड्ढा ने लेटेस्ट पोस्ट में अपनी प्रेग्नेंसी के आखिरी महीनों में होने वाली समस्या को लिखा है। बेचैनी, इनसोमनिया, कमर दर्द, ड्रीम, माइग्रेन और बार-बार बदलने वाले मूड से जूझ रही हैं। प्रेग्नेंसी के आखिरी तिमाही में ज्यादातर महिलाएं इन समस्याओं से जूझती है। ऐसे में थोड़ी सी देखभाल प्रेग्नेंसी की इन समस्याओं से राहत पहुंचा सकती है।
प्रेग्नेंसी में अनिद्रा होने पर क्या करें
प्रेग्नेंसी के आखिरी महीनों में नींद ना आने की कई सारी वजह हो सकती है। जिसमे बच्चे का बढ़ता साइज, जिसकी वजह से सांस लेने में भी परेशानी हो सकती है। वहीं बच्चे के भार की वजह से कमर के निचले हिस्से में दर्द बढ़ जाता है और साथ ही रेस्टलेस लेग की समस्या होने लगती है। कई बार पैरों में तेज दर्द होता है। जिसकी वजह से इनसोमनिया की समस्या हो जाती है।
नींद की समस्या को कैसे करें दूर
प्रेग्नेंसी के तीसरे तिमाही में इनसोमनिया की समस्या काफी मुश्किल भरी होती है। हालांकि थोड़ी बहुत सावधानी की मदद से इसे कम किया जा सकता है।
प्रेग्नेंसी के आखिरी महीनों में लेफ्ट साइड सोना सही रहता है। इससे ब्लड फ्लो बेबी को आसानी से पहुंचता है।
साथ ही पेट के नीचे तकिया जरूर लगाएं। जिससे कि पेट को सपोर्ट मिलता रहे।
अगर आखिरी महीनों में फ्लैट लेटने से एसिड रिफ्ल्क्स और हार्ट बर्न की समस्या होती है तो अपर बॉडी पार्ट के नीचे थोड़ी ज्यादा तकिया लगाकर लेटें। जिससे कि सोते वक्त एसिडिटी बनने या सीने में जलन की समस्या पैदा ना हो।
पीठ के बल भूलकर भी ना लेटें।
पैरों में दर्द और रेस्टलेस लेग सिड्रोम की समस्या ज्यादातर कैल्शियम की कमी और फास्फोरस की शरीर में मात्रा ज्यादा होने की वजह से होता है।
चाय, कॉफी जैसे बेवरेजेस से दूर रहें। पानी पीते रहें जिससे क्रैम्पस कम हो।
अगर खर्राटों से परेशान है या नाक में सूजन महसूस हो रही तो डॉक्टर को जरूर बताएं। जिससे कि प्रीक्लमप्सिया या हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को समझा जा सके।
सोने से पहले पैरों को स्ट्रेच एक्सरसाइज की मदद से रिलैक्स करें। जिससे रेस्टलेस लेग सिड्रोम की समस्या ना हो।
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