मां-बाप को बच्चों के आगे कभी नहीं करने चाहिए ये 4 काम, खतरे में पड़ सकता है उनका भविष्य!
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में माता-पिता को सही परवरिश के कुछ सूत्र बताए हैं। उन्होंने कुछ ऐसे कामों का जिक्र किया है जो मां-बाप को बच्चों के आगे कभी नहीं करने चाहिए। ये उनके भविष्य तक पर बुरा असर डाल सकते हैं।
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कहते हैं बच्चे कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं, उन्हें जिस आकार में ढाल दिया जाए वो वैसे ही हो जाते हैं। खासतौर से बच्चों पर उनके मां-बाप का असर काफी होता है। वो उन्हें जो कुछ करता देखते हैं, जैसा बोलते-चालते देखते हैं, उनके व्यवहार में भी कहीं ना कहीं वो आदतें आ ही जाती हैं। इसलिए बच्चे की सही परवरिश करनी है तो सबसे पहला बदलाव पैरेंट्स को अपने अंदर ही लाना चाहिए। इसी से जुड़ी कुछ बातें महान विद्वान आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में साझा की हैं। उन्होंने कुछ ऐसे काम बताएं हैं, जो माता-पिता को भूलकर भी अपने बच्चों के सामने नहीं करने चाहिए। आचार्य के मुताबिक इनका सीधा असर बच्चे के दिमाग पर पड़ता है और आगे जा कर उसके व्यक्तित्व में भी ये चीजें झलकने लगती हैं। तो चलिए जानते हैं आचार्य की नीतियों से परवरिश का सही तरीका।
बच्चों के आगे ना दिखाएं क्रोध और अहंकार
आचार्य चाणक्य के अनुसार बच्चों के आगे माता-पिता को ज्यादा क्रोध और अहंकार जैसी भावनाएं दिखाने से बचना चाहिए। क्रोध में कई बार इंसान का अपनी वाणी और व्यवहार पर कंट्रोल नहीं रहता। ऐसे में कई बार गुस्से में बच्चों के आगे अभद्र भाषा और गाली-गलौज का इस्तेमाल हो जाता है, जो ठीक नहीं। इसके अलावा अहंकार की भावना में भी कई बार लोग दूसरों को नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ते। इस तरह का व्यवहार जब बच्चा बचपन से देखता है, तो कहीं ना कहीं उसमें भी ये आदतें विकसित होने लगती हैं। जो उसके भविष्य के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं।
ना करें एक दूसरे का अपमान
चाणक्य नीति के अनुसार माता-पिता को बच्चों के आगे कभी भी एक दूसरे का अपमान नहीं करना चाहिए। आपस में थोड़ी बहुत नोंक-झोंक होना स्वाभाविक है लेकिन बात कभी इतनी नहीं बिगड़नी चाहिए कि दोनों एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए उतारू हो जाएं। माता-पिता के इस व्यवहार का बच्चे के दिमाग पर बहुत बुरा असर पड़ता है। कई बार तो बच्चे भविष्य में माता-पिता का सम्मान तक नहीं करते क्योंकि बचपन में उन्होंने उन दोनों बहुत बुरे-बुरे अपशब्द कहते सुना होता है। इसलिए बच्चों के सामने अपनी वाणी और व्यवहार पर संयम जरूर रखें।
बच्चों के आगे ना बोले झूठ
बच्चों के पहले गुरु मां-बाप ही होते हैं। बच्चा सिर्फ उन्हें देखकर ही काफी कुछ सीख लेता है। ऐसे में अगर आप खुद बात-बात पर झूठ बोलते हैं और लोगों को गुमराह करते हैं, तो ये चीज आपका बच्चा भी कहीं ना कहीं नोटिस करता है। उसे झूठ बोलना एक नॉर्मल चीज लगने लगता है और बचपन से ही झूठ बोलना उसके व्यक्तित्व का हिस्सा बन जाता है। एक बार बच्चे में यह आदत पड़ गई तो इसे छुड़ाना बहुत ही मुश्किल हो सकता है। भविष्य में भी बच्चे को अपनी इस आदत के चलते कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
बच्चों के आगे ना करें दिखावा
आचार्य चाणक्य के अनुसार मातापिता को बच्चे के आगे दिखावा करने से भी बचना चाहिए। हो सकता है आप किसी बड़े पद पर हों या आपके पास दौलत-शोहरत की कोई कमी ना हो। लेकिन बच्चों के आगे आपको हमेशा विनम्र बर्ताव ही करना चाहिए। बच्चे को जीवन में सफल और अच्छा इंसान बनाना चाहते हैं, तो सबसे ज्यादा जरूरी है कि उसे जमीन से जोड़कर रखा जाए। बच्चे में किसी तरह का घमंड और अहंकार ना जन्में, इसके लिए मां-बाप को खुद अपना व्यवहार ऐसा रखने की जरूरत है।
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