पुरुष दर्जी नहीं ले सकेंगे महिला की नाप और बेबी को बीमार कर सकती है ये आदत, जानें देश-दुनिया की खबर
हमारी दुनिया में हम से जुड़ी क्या खबरें हैं? हमारे लिए उपयोगी कौन-सी खबर है? किसने अपनी उपलब्धि से हमारा सिर गर्व से ऊंचा उठा दिया? ऐसी तमाम जानकारियां हर सप्ताह आपसे यहां साझा करेंगी, जयंती रंगनाथन
अक्सर हम यह मान कर चलते हैं कि कुछ करियर ऐसे हैं, जहां महिलाएं काम कर ही नहीं सकतीं। अच्छी बात यह है कि पिछले कुछ सालों में कुछ महिलाओं ने ही सही, पर इस सोच को पूरी तरह बदल दिया है। हाल में प्रकाशित एक खबर के अनुसार 51 वर्षीय कैप्टेन सविता सिंह पिछले 17 सालों से नागरिक उड्डयन क्षेत्र में काम कर रही हैं। वे पहले पवन हंस उड़ाती थीं और अब चार्टर प्लेन उड़ाती हैं। इस समय कैप्टेन सविता ग्रामीण क्षेत्रों में चुनाव प्रचार के लिए राजनेताओं को पहुंचाने का काम कर रही हैं। वे इस समय हमारे देश की एकमात्र महिला पायलट हैं, जो चुनाव प्रचार में शामिल हैं।
सविता कहती हैं, ‘एक बार हम उड़ान भरने के लिए तैयार हो रहे थे, तभी पीछे की सीट से किसी ने मेरे सह-पायलट के कंधे पर थपथपाया और उसे एक पर्ची थमा दी। उसने इसे पढ़ा और हंसते हुए इसे खारिज कर दिया। उसने मुझे नहीं बताया कि उसमें क्या लिखा था। गंतव्य पर उतरने के बाद ही उसने खुलासा किया कि उसमें क्या लिखा था। उसमें हमारे यात्री, वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री ने पूछा था कि क्या महिला पायलट के साथ उड़ान भरना सुरक्षित है? सविता ने कहा कि अगर उन्हें यह पहले पता चलता तो वह मंत्री से कहती कि अगर आपको उड़ान सुरक्षा के बारे में संदेह है, तो आप उतर सकते हैं।’
कैप्टन सविता अब तक लगभग 7,000 घंटे की उड़ान भर चुकी हैं। भारतीय वायुसेना के लिए उड़ान भरने, तेल रिंगों के लिए उड़ान भरने या अंडमान और निकोबार में द्वीप संपर्क प्रदान करने के विपरीत, चुनाव प्रचार के लिए ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र में अस्थायी हेलीपैड पर उतरना एक अलग खेल है। एक महिला पायलट के रूप में चुनाव प्रचार अभियान पर होने का मतलब यह भी हो सकता है कि 9-10 घंटे तक शौचालय तक पहुंच न हो। उड़ानों के बीच में, एयर-कंडीशन चालू करके खड़े हेलिकॉप्टर में बैठकर वीवीआईपी के लिए घंटों इंतजार करने में बीतता है। यदि दिन की अंतिम लैंडिंग अस्थायी हेलीपैड पर होती है, तो पायलट को यह सुनिश्चित करना होता है कि सूर्यास्त से पहले उतरने के लिए नेता समय पर सवार हो जाएं, जो अस्थायी हेलीपैड के लिए एक परिचालन मानदंड है। कैप्टेन सविता निसंदेह एक जांबाज महिला हैं और आज के दौर की लड़कियों की आदर्श भी।
पुरुष दर्जियों का कटेगा पत्ता?
आपके कपड़े कौन सीता है? जाहिर है दर्जी ही होगा। पर क्या आपको इस बात से फर्क पड़ता है कि दर्जी स्त्री है या पुरुष? उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग ने हाल में ही महिलाओं की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए सरकार को कुछ सुझाव दिए हैं। उनमें एक है कि अब से इस राज्य में महिलाओं के कपड़ों का नाप पुरुष दर्जी नहीं ले सकेंगे। आयोग का कहना है कि हाल ही में बैड टच से मुतालिक कई मामले सामने आए हैं। उत्तर प्रदेश महिला आयोग की चेयरपर्सन बबिता चौहान का मानना है कि जिम और बुटीक से इस तरह की शिकायतें आ रही हैं। सिलाई का काम कोई भी कर सकता है, पर युवतियों को छूने का काम पुरुषों को नहीं दिया जा सकता।
नवजात को चूमना हो सकता है घातक
नेशनल हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के हालिया अध्ययन के अनुसार नवजात शिशु को हाथ लगाना और चूमना सही नहीं है। पोर्टलैंड अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ और इस अध्ययन में शामिल डॉक्टर मुरील मेसो के अनुसार नए जन्मे बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता ना के बराबर होती है। ऐसे में त्वचा से या लार से बैक्टीरिया का उनके शरीर में प्रवेश कर जाना कई रोगों को आमंत्रण दे सकता है। डेली मेल में प्रकाशित खबर के अनुसार ब्रिटेन के सर्जन करण राज ने टिकटॉक के जरिए अपने फॉलोअर्स को यह संदेश दिया है कि नवजात को चूमने या छूने पर उन्हें किस तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। अपने वीडियो में डॉक्टर राज यह कहते नजर आते हैं कि दूसरों के बच्चों को दूर से प्यार करें। अगर आपका भी बच्चा हो और आपको किसी भी किस्म की बीमारी हो, एलर्जी हो तो बच्चे से दूर रहना ही सही होगा। उनका मानना है कि अनजाने में पूरी दुनिया में लगभग 11 प्रतिशत नवजात गंभीर बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। इनमें से कुछ बच्चों को ताउम्र इसकी वजह से दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है।
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