बेहतर जिंदगी के लिए लड़कियों के पास होनी चाहिए ये दो चीजें, हर हाल में हासिल होगी सफलता
- हमारी दुनिया में हम से जुड़ी क्या खबरें हैं? हमारे लिए उपयोगी कौन-सी खबर है? किसने अपनी उपलब्धि से हमारा सिर गर्व से ऊंचा उठा दिया? ऐसी तमाम जानकारियां हर सप्ताह आपसे यहां साझा करेंगी, जयंती रंगनाथन

गुजरात के साबरकंठा में रहने वाली पंद्रह साल की किशोरी ने जो साहस दिखाया है, वो ना सिर्फ लड़कियों के लिए बल्कि समाज के लिए भी एक मिसाल है। दसवीं में पढ़ने वाली ये किशोरी पढ़ाई में होशयार है और स्कूल के कार्यक्रमों में भी भाग लेती है। कुछ दिनों पहले उसने स्कूल में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ विषय पर सारगर्भित भाषण दिया। शिक्षकों और छात्रों ने उसे खूब सराहा। एक तरफ वो बेटी बचाने की बात कर रही थी, दूसरी तरफ वो खुद अपने स्कूल के एक पुरुष टीचर की हवस का शिकार हो गई। गणतंत्र दिवस पर भाषण देने के कुछ रोज बाद ही किशोरी का जन्मदिन पड़ता था। टीचर ने उसे बधाई देने के बहाने एक होटल में बुलाया और लड़की से जबरदस्ती की। साथ ही यह धमकी भी दी कि अगर लड़की ने यह बात किसी को बताई तो उसका बुरा हाल होगा, उसे दसवीं की परीक्षा में फेल कर देंगे। लड़की को जबरदस्त धक्का लगा। उसने हिम्मत करके घर में यह बता बताई। वह डरी जरूर, लेकिन उसका हौसला कम नहीं हुआ। शारीरिक और मानसिक तौर पर टूटने के बाद भी इस किशोरी का जज्बा कायम रहा, जब उसने कहा कि वो परीक्षा में बैठेगी और अच्छे नंबरों से पास होगी। किशोरी पुलिस में नौकरी करना चाहती है। उसका साहस और हौसला देख कर स्कूल वाले ही नहीं, उसके डॉक्टर भी प्रभावित हैं। लड़की के परिवार वालों का भी मानना है कि इस हादसे की वजह से लड़की का आगे पढ़ना और नौकरी करना नहीं रुकेगा, बल्कि वो उसका पूरा साथ देंगे कि वो अपर्नी ंजदगी में सफल हो। जिस टीचर ने उस लड़की के साथ यह घिनौना काम किया है, उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यह घटना और सोच समाज के उन लोगों पर एक तमाचा है, जो लड़कियों का शोषण करते हैं और यह सोचते हैं कि अब उस लड़की र्की ंजदगी खत्म हो गई। लड़कियों के लिए हौसला और हिम्मत ऐसे दो औजार हैं, जिससे वो अपने लिए एक बेहतर्र ंजदगी बना सकती हैं।
ओलंपियन मनु भाकर बनीं मिसाल
ओलंपियन मनु भाकर बीबीसी इंडियन स्पोट्र्सवुमन ऑफ द ईयर 2024 की विजेता चुनी गई हैं। अंतरराष्ट्ररीय स्तर पर हुई र्वोंटग के बाद उनके नाम की घोषणा की गई है। पिछले साल पेरिस ओलंपिक ने मनु भाकर ने दो मेडल जीते थे, वो ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। यह अवॉर्ड पाने के बाद मनु ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि इससे ना सिर्फ देश की महिलाओं को, बल्कि उन महिलाओं को भी प्रेरणा मिलेगी, जिनका सपना कुछ बड़ा करने का है।’ हरियाणा के झज्जर जिले में रहने वाली 23 साल की मनु भाकर एक किसान की बेटी हैं और 14 साल की उम्र से र्शूंटग सीखना शुरू कर दिया। इस साल उन्हें खेल रत्न भी मिला है।
हंसी से बढ़ कर कोई दवा नहीं
डेली मेल के सेहत स्तंभ में प्रकाशित इस खबर के मुताबिक नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ एंड केयर एक्सेलेंस ने हाल में एक अध्ययन किया और बताया कि जो लोग अकेलापन, अवसाद या निराश महसूस करते हैं, कॉमेडी के कार्यक्रम से उन्हें काफी फायदा पहुंच सकता है। डॉक्टर ओपेर का मानना है, ‘हमारे अध्ययन में हर पांच में से एक व्यक्ति को कॉमेडी प्रोग्राम देखने के बाद 75 प्रतिशत फायदा पहुंचा। हमारे विशेषज्ञ इस बात को रेखांकित करते हैं कि हर दिन अगर व्यक्ति सिर्फ पांच मिनट खुल कर हंसे तो अवसाद होने की गुंजाइश 58 प्रतिशत कम हो सकती है। यही नहीं, हास्य फिल्म, सीरीज या कार्यक्रम देखने का भी असर सुखद होता है।
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