जीवन में होना है सफल तो इन 5 चीजों से बना लें दूरी, कभी नहीं करना पड़ेगा हार का सामना
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में सफलता के कई सूत्र बताए। उन्होंने व्यक्ति की कुछ ऐसी आदतों का भी जिक्र किया जो उसकी सफलता में बाधा बनती हैं। इस साल जीवन में कुछ बेहतर करना चाहते हैं तो इन आदतों से आज ही परहेज करें।
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बहुत कम ही ऐसे विद्वान होते हैं जिनकी बातें हमेशा हर एक मौके पर व्यक्ति को सही राह दिखाने का काम करती हैं। आचार्य चाणक्य भी उन्हीं चुनिंदा विद्वानों में से एक हुए। सदियां बीत गईं लेकिन उनकी बताई हुई बातें आज भी उतनी ही सत्य हैं जितनी उस समय हुआ करती होंगी। खैर, आज हम आचार्य द्वारा व्यक्ति की सफलता में बाधा डालने वाले उसकी कुछ आदतों का जिक्र करेंगे। आचार्य के अनुसार यदि व्यक्ति में ये आदतें हैं तो वो जीवन में कभी भी सफल नहीं हो सकता। ऐसे में इनसे समय रहते ही दूरी बना लेना बेहतर है। नए साल में यदि आपको भी सफल होना है तो आचार्य द्वारा बताई गई इन बातों को ध्यान में जरूर रखें।
आलस से बना लें लंबी दूरी
आचार्य चाणक्य के अनुसार यदि जीवन में औरों से बेहतर कुछ करने की चाह रखते हैं, तो आलस का त्याग जितना जल्दी हो सके कर दें। आलस एक ऐसी बुरी बला है जो आपको जीवन में कभी भी आगे नहीं बढ़ने देगी। आलस महज सुबह जल्दी ना उठना या बिस्तर पर पड़े रहना ही नहीं है बल्कि अपने छोटे-छोटे कामों को टालते रहना है। आचार्य ने तो यहां तक कहा है कि आलस का जीवन जीना किसी आत्महत्या से कम नहीं है। ऐसे में सफलता पानी है तो अपने हर काम को सही समय पर करने की आदत डालें।
कभी ना छू पाए अभिमान
अगर किसी से थोड़ा बेहतर होने पर या कुछ अच्छा करने पर आपके अंदर भी अभिमान की भावना आ जाती है, तो याद रहे आप अपनी सफलता से और दूर ही हो रहे हैं। आचार्य चाणक्य के अनुसार अभिमानी व्यक्ति खुद ही अपने कर्मों के चलते सफलता से कोसों दूर हो जाता है। ऐसा इंसान कुछ थोड़ा बहुत पा कर ही इतने घमंड में चूर हो जाता है कि आगे उसे सही-गलत कुछ सूझता ही नहीं। वो स्वयं को सबसे बेहतर मानकर खुद ही अपनी सफलता में बाधा बन जाता है।
लालच है बुरी बला
कुछ बेहतर पाने की लालसा सभी में होती है और इसमें कुछ गलत भी नहीं। हालांकि जब ये लालसा लालच में बदल जाए, जहां बिना मेहनत किए बहुत कुछ पाने की होड़ मन में लग जाए तो ये व्यक्ति को कहीं का नहीं छोड़ती। आचार्य चाणक्य के अनुसार लालची व्यक्ति बहुत लंबे समय तक खुश नहीं रह सकता। लालच एक धीमे जहर की तरह है जो धीरे-धीरे व्यक्ति की अच्छाइयों को खत्म कर देता है। ऐसे में सफलता पानी है तो लालच की जगह मेहनत करने का जूनून रखें, कामयाबी जरूर आपके कदम चूमेगी।
कहीं का नहीं छोड़ेगी झूठ बोलने की आदत
आचार्य चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को झूठ बोलने की आदत से भी बचना चाहिए। झूठ बोलकर आप भले की कुछ देर के लिए मान-सम्मान या सफलता पा लें लेकिन ये लंबे समय तक नहीं चलने वाला। आचार्य अपनी नीति में कहते हैं कि झूठ बोल कर सफलता पाने वाले एक दिन जरूर मुंह की खाते हैं। सही मायनों में सफलता पानी है तो हमेशा मेहनत और सच्चाई के रास्ते पर चलें।
दिखावा करने से बचें
चाणक्य नीति कहती है कि जिन लोगों में दिखावा करने की आदत नहीं होती और वो अपनी जमीन से जुड़े रहते हैं, उन्हें भी सफलता जरूर मिलती है। वहीं कुछ लोग जो थोड़ा सा बेहतर करने पर ही चीजों का दिखावा करने लगते हैं, छोटी सी चीज को भी बढ़ा-चढ़ाकर बताते हैं ये लोग सिर्फ मजाक बनकर रह जाते हैं। आचार्य के अनुसार व्यक्ति को सफल होना है तो चुप चाप मेहनत में लगा रहे, उसकी कामयाबी को किसी बाहरी दिखावे की जरूरत नहीं पड़ेगी।
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