Life Lessons: इन जगहों पर चुप रहने में ही रहती है भलाई
बोलने की शक्ति के बारे में जानते हैं तो समझ लें किन जगहों पर बोलना फायदेमंद है और कौन सी वो सिचुएशन हैं जब आपके चुप रहने से ही काम बनता है।
लाइफ को सफलतापूर्वक जीने के लिए कई सारी चीजों में माहिर होना पड़ता है। खासतौर पर बातचीत करने और बोलने के तरीके पर सबसे ज्यादा ध्यान देने की कोशिश करनी चाहिए। तभी आप घर-परिवार हो या फिर ऑफिस और करियर, सफलता मिलेगी। अगर आप इन जगहों पर भूलकर भी बोलते हैं तो सारा इंप्रेशन बिगड़ जाता है। कई बार आपकी चुप्पी भी गुड इंप्रेशन डाल सकती है।
जब आपको पूरी बात ना पता हो
अगर आप दो लोगों के बीच में बोलते हैं। जहां आपको पूरी बात की जानकारी नही है और फैसला लेते हैं या अपनी राय देते हैं तो ये ठीक नही है। इसलिए पहले चुप होकर बात की पूरी जानकारी लें, उसके बाद ही अपनी राय दें।
गुस्से में चुप रहें
जब आपको बहुत ज्यादा गुस्सा आ रहा हो तो ऐसे मौके पर चुप हो जाना बेहतर है। क्योंकि कई बार गुस्से में इंसान ऐसी बातें बोल देता है जो वो बोलना नहीं चाहता। इमोशन में आकर गुस्से में चुप रहने में ही भलाई होती है।
जब बोलने से रिश्ते खराब हो
शब्दों का गहरा असर होता है। ये ना केवल रिश्ते जोड़ सकता है बल्कि आसानी से तोड़ भी सकता है। अगर आपको लगता है कि बोलने से रिश्तों में दरार पड़ सकती है तो ऐसे मौके पर चुप रहना ही अच्छा होता है।
दुख के वक्त
किसी के दुख में संवेदना व्यक्त करते वक्त भी बहुत ज्यादा नहीं बोलना चाहिए। चुप रहकर आप ज्यादा अच्छे तरीके से अपने दुख को जाहिर कर सकते हैं। बल्कि बोलने से उनका महत्व कम हो जाता है।
जब जरूरी फैसले लेने हो
जब आप किसी की चीज के बारे में सोचकर फैसला लेना चाह रहे हैं तो ऐसे मौके पर अपने अंतर मन की आवाज को सुनें और बोले कम। मौन रहना ऐसे मौके पर ज्यादा अच्छे तरीके से फैसला लेने में मदद मिलती है।
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