Independence Day: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जमकर ताली बजाएंगे लोग, जब सुनाएंगे ये कविता
Independence Day 2024: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सेलिब्रेशन के दौरान पढ़ें ये देशभक्ति से भरी कविताएं, जमकर बजेंगी तालियां
आजादी
"कैद में थी आहट आजादी की
मौन थी आवाज आजादी की
बलिदानियों के अनेकों बलिदान हुए
कोई क्या कीमत लगाएगी आजादी की,
सभ्यताओं का सरेआम कत्लेआम होता था,
भू पर देख ऐसी क्रूरता, आकाश भी रोता था
असंख्य बलिदान हुए, तब जाकर मिली है आजादी
प्रयास करो किस सच को जान सको
झूठ की खींची लकीरों को लांघ सको
विचारों से हो जाओ आजाद जरा
प्रयास करो आजादी को पहचान सको।"
मयंक विश्वनोई
2) शरीर का रोम-रोम, रक्त में उबाल भरे
राष्ट्र पर समर्पण के लिए तन-मन तैयार रहे
निराशाओं का नाश आओ मिलकर करें
आज़ाद हवाओं में हमेशा झंडा ऊंचा हमारा रहे
अतीत की सारी बदल कर तस्वीरें
तोड़कर मन से गुलामी की जंजीरें
विचार आजादी की गौरव गाथाएं कहें
आज़ादी के इस जश्न में झंडा ऊंचा हमारा रहे…”
-मयंक विश्नोई
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